देश
के केंद्रीय बैंक ने प्राइवेट सेक्टर की बैंक Kotak Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) पर
2 करोड़ का जुर्माना लगाया है. Reserve
Bank Of India (RBI) ने यह जुर्माना Kotak
Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) द्वारा केंद्रीय बैंक के दिशानिर्देशों के उल्लग्घन
करने के लिए लगाया है.
बता दें, Reserve Bank Of India (RBI) लगातार देश की सभी सरकारी
प्राइवेट बैंको पर नज़र रखती है. अगर कोई बैंक उसके दिशानिर्देशों के उलट काम करता है.
तो Reserve Bank Of India (RBI) समय-समय पर इन बैंको पर जुर्माना व् कभी-कभी क़ानूनी
कार्यवाही भी करती है. Kotak Mahindra
Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) पर लगा 2 करोड़ का जुर्माना भी, Kotak Mahindra Bank (कोटक
महिंद्रा बैंक) द्वारा Reserve Bank Of India (RBI) के दिशानिर्देशों के उल्लग्घन के
लिए लगाया गया है.
क्यों लगाया जुर्माना
दरअसल
Reserve Bank Of India (RBI) ने Kotak
Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) निर्देश
दिया था की वो अपने सभी प्रमोटर्स की जानकारी
देश के केंद्रीय बैंक को दे. लेकिन Kotak
Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) ने अबतक Reserve Bank Of India (RBI) को अपने प्रमोटर्स
की पूरी जानकारी नहीं दी है.इसके अलाबा Kotak Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) को 31
मार्च 2018 तक पेड उप कैपिटल को 20 प्रतिशत पर लाना था. जिसके चलते अब Reserve
Bank Of India (RBI) ने Kotak Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) पर 2 करोड़
जुर्माना ठोक दिया है.
बैंक के जबाब से Reserve Bank Of India
(RBI) असंतुष्ट
Reserve
Bank Of India (RBI) ने Kotak Mahindra
Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) को दिशानिर्देश दिया था की वो 31 मार्च 2018 तक पेड उप कैपिटल
को 20 प्रतिशत पर लाये। और 31 मार्च 2020 तक इसे 15 प्रतिशत पर लाये। लेकिन 31 मार्च 2018 Kotak Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) में इसके
सबसे बड़े प्रमोटर उदय कोटक की हिस्सेदारी 29.72 प्रतिशत थी. जो की Reserve Bank Of
India (RBI) के नियमों के हिसाब से 20 प्रतिशत से कम होनी चाहिए थी. दूसरी तरफ Kotak Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) ने प्रमोटर
की हिस्सेदारी 19.7 प्रतिशत पर लाने के लिए Reserve Bank Of India (RBI) से नॉन-क्युमुलेटिव
प्रेफरेंस शेयर जारी करने की इज़ाज़त मांगी थी. जिसकी Reserve Bank Of India (RBI) ने अनुमति नहीं दी
थी.
मुख्य वजह- प्रमोटर के पास 30 फीसदी शेयर
आपको
बता दें, Reserve Bank Of India (RBI) ने Kotak Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) को लाइसेंस
देते वक़्त प्रमोटर की शेयर होल्डिंग घटाने
की शर्त रखी थी. जिसकी समयसीमा Reserve
Bank Of India (RBI) द्वारा समय-2 पर बढ़ाई गयी थी . जिसके बाद Reserve Bank Of
India (RBI) ने कोटक महिंद्रा के लिए प्रमोटर की शेयर होल्डिंग घटाने की एक टाइमलाइन
फिक्स कर दी. जिसके मुताबिक Kotak
Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) को 31 मार्च 2018 तक पेड उप कैपिटल को 20 प्रतिशत
पर लाना था । और 31 मार्च 2020 तक इसे 15 प्रतिशत पर लाना था. लेकिन Kotak Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) इसमें
बिफल रही. जिसके बाद Reserve Bank Of India (RBI) ने Kotak Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) पर 2 करोड़
का जुर्माना लगाने का फैसला किया।
Reserve Bank Of India (RBI) का नियम
Reserve
Bank Of India (RBI) ने नियमो के मुताबिक निजी बैंक में शुरुआती 3 सालो में प्रमोटर
को अपनी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत पर लानी होती है. बैंक के 10 साल पुरे होने के बाद इसमें
प्रमोटर की शेयरहोल्डिंग को 20 फीसदी और 15 साल बाद 15 फीसदी पर लाना जरुरी होता है.
लेकिन Kotak Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा
बैंक) ने Reserve Bank Of India (RBI) के इन नियमों की अनदेखी की है.
Kotak Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक)- एक नज़र
Kotak Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) लिमिटेड
सबसे तेजी से बढ़ते बैंकों में से एक है और भारत में सबसे अधिक प्रशंसित वित्तीय संस्थानों
में से एक है। बैंक लेन-देन और लोन अतिरिक्त
, बैंक आईपीओ का प्रबंधन करता है और कार्यशील पूंजी पर ऋण प्रदान करता है। उनके पास भारत में सबसे बड़ी
और सबसे सम्मानित वेल्थ मैनेजमेंट टीमों में से एक है, जो उच्च निवल मूल्य के व्यक्तियों,
उद्यमियों, व्यावसायिक परिवारों और नियोजित पेशेवरों के लिए सबसे व्यापक समाधान प्रदान
करती है। 31 दिसंबर 2017 तक, Kotak
Mahindra Bank (कोटक महिंद्रा बैंक) की 700 स्थानों पर 2,375 शाखाएँ थीं और 2,171 एटीएम
थे।
एक नजर- भारतीय रिजर्व बैंक
आरबीआई देश के अंदर सबसे प्रमुख बैंक है, जो पूरे देश में बैंकिंग सेक्टर को रेगुलेट करता है। किसी भी कंपनी के लिए बैंकिंग सेवाएं शुरू करने से पहले अनिवार्य रूप से RBI से लाइसेंस लेना पड़ता है। आरबीआई देश के अंदर किसी भी बैंक का लाइसेंस किसी भी वक़्त रद्द कर सकता है। देश के अंदर करेंसी छापने का अधिकार भी आरबीआई के पास ही है। Rs 2 से लेकर 10000 तक के नोट छापने का अधिकार आरबीआई के पास है। उसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 को एक प्राईवेट बैंक के रूप में हुई थी। 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। देश का समूचा बैंकिंग सेक्टर RBI act 1934 and Regulation Act 1949 के प्रावधानो से चलता है। आरबीआई भारत सरकार के लिये बैंकर का काम भी करता है। ₨ 1 और सभी प्रकार के सिक्कें जारी करने का अधिकार भारत सरकार को मिला हुआ है। Rs 1 का नोट वित्त सचिव के हस्ताक्षर से जारी होता है। । जबकि बाकि सभी प्रकार के नोटो पर आरबीआई के गर्वनर के हस्ताक्षर होते हैं।
। क।
बैंक
ग्राहक की आवश्यकता के आधार पर सभी व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत ग्राहकों की अनंत आवश्यकताओं
के लिए पूर्ण वित्तीय समाधान प्रदान करता है - कला प्रौद्योगिकी मंच के एक राज्य के
माध्यम से दिया जाता है। वे म्युचुअल फंड, लाइफ इंश्योरेंस, सोने के सिक्कों और बारों
की खुदरा बिक्री आदि जैसे निवेश उत्पादों की पेशकश करते हैं। फोन बैंकिंग और इंटरनेट
बैंकिंग के अलावा, वे मोबाइल बैंकिंग, एसएमएस सेवाओं, Netc @ Rd, होम बैंकिंग और बिलपे
सुविधा के माध्यम से सुविधाजनक बैंकिंग सुविधा प्रदान करते हैं 1000
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