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six Members of Committee to Review the ATM Interchange
एटीएम
शुल्क ख़त्म करने को Rbi (Reserve Bank Of India) ने गठित की 6 सदस्यीय कमेटी
वर्ष
2019-20 के लिए द्वितीय द्विमासिक मौद्रिक नीति (Bi Monthly Monetary Policy) के भाग 'ख' में 6 जून 2019 को Rbi (Reserve Bank
Of India) ने यह घोषित किया, कि बैंकरहित क्षेत्रों में एटीएम विस्तार के लिए प्रोत्साहन
देने हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक ने एटीएम इंटरचेंज शुल्क संरचना की समीक्षा के लिए एक
समिति का गठन किया है.
यह
समिति एटीएम से जुड़े शुल्कों की समीक्षा करेगी। और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट Rbi
(Reserve Bank Of India) को सौप देगी। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर Rbi
(Reserve Bank Of India) एटीएम से जुड़े शुल्कों की समीक्षा करेगी। ऐसी सम्भावना है,
की एटीएम से जुड़े सभी शुल्कों को शून्य कर दिया जाए.
यह लोग हैं समिति के सदस्य
Rbi
(Reserve Bank Of India) ने एटीएम के चार्जेज
के रिविज़न के लिए जो समिति गठित की है, उसकी अध्यक्षता इंडियन बैंक एसोसिएशन के मुख्य
कार्यकारी अधिकारी वी जी कन्नन करेंगे। इनके अलाबा समिति में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान
निगम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री दिलीप अस्बे, श्री गिरि कुमार नायर, मुख्य महाप्रबंधक,
भारतीय स्टेट बैंक, श्री एस संपत कुमार, समूह प्रमुख, देयता उत्पाद, एचडीएफसी बैंक
लि., श्री के श्रीनिवास निदेशक, एटीएम उद्योग परिसंघ, श्री संजीव पटेल मुख्य कार्यकारी
अधिकारी, टाटा कम्युनिकेशंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड को सदस्य के रूप में शामिल किया
गया है.
2 महीने में रिपोर्ट
Rbi
(Reserve Bank Of India) ने एटीएम (Atm) के चार्जेज के रिविज़न के लिए जो समिति गठित
की है, वो अपनी रिपोर्ट 2 महीने में रिपोर्ट Rbi (Reserve Bank Of India) को सौप देगी।
इसी समिति की रिपोर्ट के आधार पर Rbi (Reserve Bank Of India) भविष्य में Atm से जुड़े चार्जेज तय करेगी। ऐसी उम्मीद है समिति
या तो अब तक बसूले जाने वाले इन चार्जेज को शून्य करेगी। या फिर इन्हे काफी कम कर दिया
जाएगा।
असल वजह
आपको
बता दें, Rbi (Reserve Bank Of India) ने 6 जून को ही Rtgs और Neft से जुड़े चार्जेज
को शून्य किया है. इसके पीछे Rbi (Reserve Bank Of India) ने कैशलेस को बढ़ावा देने
की वजह बताई है. अब ऐसी उम्मीद है, Rbi (Reserve Bank Of India) एटीएम (Atm) के प्रयोग
को बढ़ावा देने के लिए एटीएम (Atm) चार्जेज शून्य कर दे.
एक नज़र- भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank Of India)
भारत के अंदर
बैंकिंग सेक्टर का रेगुलेटर भारतीय रिज़र्व बैंक
(Reserve Bank Of
India)है. इसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ACT 1934 के जरिये हुई
थी. राष्ट्रीयकरण से पूर्व भारतीय रिज़र्व बैंक
(Reserve Bank Of
India)प्राइवेट सेक्टर का एक बैंक था. इसका हेड ऑफिस मुम्बई में है.
देश के अंदर 1 रुपए के नोट और
सिक्को को छोड़ कर सभी प्रकार की करेंसी छापने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ भारतीय
रिज़र्व बैंक (Reserve Bank Of
India)को है. और 1 रुपए के नोट के अतिरिक्त सभी नोटों पर भारतीय रिज़र्व
बैंक (Reserve Bank Of India)के
गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं. बिना गवर्नर के हस्ताक्षर के कोई भी नोट सिर्फ और
सिर्फ एक साधारण का टुकड़ा मात्र है. अगर आपको लगता है हमेशा से ही नोटों के मुद्रण
का अधिकार भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve
Bank Of India)के पास ही है. तो आपको बता दें आप गलत हैं. भारतीय
रिज़र्व बैंक (Reserve Bank Of India)से पूर्व नोटों को छापने का अधिकार स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के पास भी रहा
है. देश के अंदर सिक्के ढ़ालने का सम्पूर्ण अधिकार सिर्फ और सिर्फ भारत सरकार के
पास है. और एक रूपये के नोट छापने का अधिकार भी भारत सरकार के पास ही है. आपको बता
दें, एक रुपये के नोट
पर वित्त सचिव के दस्तखत होतें हैं. जो प्रतिकत्मक रूप से भारत सरकार की सर्वोचता
को इंगित करता है.
किन किन डेनोमिनेशन में नोट छाप सकता
भारतीय रिज़र्व बैंक
आपको बता दें, रिज़र्व बैंक
को 10000 रूपये
तक की डेनोमिनेशन वाले नोट छापने का अधिकार है. पूर्व में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank Of India)ने 10000 रूपये वैल्यू
के नोट छापें भी हैं. लेकिन वर्तमान में सबसे बड़ी वैल्यू वाला नोट 2000 रूपये का नोट
है. नोटबंदी से पूर्व सिर्फ 1000 रूपये तक के
नोट छापे जा रहे थे. लेकिन नोटबंदी के बाद अचानक से आयी करेंसी की कमी को देखते
हुए सरकार ने तत्काल 2000 रूपये के नोट
छापने का एलान किया। और तब से अबतक यह जारी है. हालांकि सरकार ने 2000 रूपये वैल्यू
वाले नए नोट छापने से इंकार किया है. जो नोट पहले से चलन में आ चुके हैं वही नोट
आगे भी जारी रहेंगे।
क्या क्या करता
भारतीय रिज़र्व बैंक
आपको बता दें, भारतीय रिज़र्व
बैंक (Reserve Bank Of India)देश
के पुरे बैंकिंग सेक्टर को रेगुलेट करता है. सरकार के लिए बैंकर का काम करता है.
देश के बैंकिंग सेक्टर के लिए जरुरी नियम बनाता है. नोटों का मुद्रण करता है. नयी
बैंको को लाइसेंस देने का का भी भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank Of India)का
ही है. इसके अलाबा अगर कोई बैंक नियमों से अलग हटकर कोई काम करता है. तो उसको दंड
देने का काम भी भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve
Bank Of India)ही करता है. देश के अंदर करेंसी के ऑउटफ्लो को
रेगुलेट करता है. किस समय देश में कितनी करेंसी की जरुरत है उसी हिसाब से भिविन्न
पैरामीटर्स के जरिये करेंसी को कण्ट्रोल करता है. देश के अंदर महंगाई रोकने का काम
भी भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve
Bank Of India)ही करता है. इसके अतिरिक्त भी बहुत सारे काम भारतीय
रिज़र्व बैंक (Reserve Bank Of India)द्वारा किये जातें हैं. अगर भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank Of India)को
देश के इकनोमिक सिस्टम का गॉड फादर कहा जाए तो यह कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
एटीएम (atm)
आपको बता दें एटीएम (atm) का इस्तेमाल बिना बैंक जाए कहीं से भी पैसे निकालने के लिए किया जाता है.
आज देश के अंदर लगभग हर बैंक अपने एटीएम (atm) चला रही है.
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के पास देश का सबसे बड़ा एटीएम (atm) नेटवर्क है. अकेले भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम (atm) की संख्या लगभग 60 हज़ार है. आपको बता दें बैंको के अतिरिक्त कुछ ऐसी कंपनिया
भी एटीएम (atm) संचालित करती
हैं जिनके पास बैंक का लाइसेंस नहीं है. इन कंपनियों के एटीएम (atm) को वाइट लेवल एटीएम (atm) कहा जाता है. यह कस्टमर
से कोई चार्ज नहीं बसूलतें हैं. लेकिन बैंक से जरूर इनका कमीशन रहता है. आज भारतीय
बैंकिंग सेक्टर को बिना एटीएम (atm) के चला पाना संभव नहीं
है. लेकिन निकट भविष्य में बैंको ने अपने एटीएम (atm) की
संख्या में कटौती की है. इसकी कई वजह हैं, कहीं कहीं बैंको के मर्जर की वजह से बैंको ने अपने एटीएम (atm) बंद किये हैं. वही बैंको को इन्हे ऑपरेट
करने में होना वाला खर्च भी काफी जयादा है. कई बैंक इस वजह से भी अपना एटीएम (atm) का नेटवर्क कम कर रहें हैं.
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