BOB के कर्मचारियों
को जेब खर्च के लिए 1500 रुपये प्रतिदिन, BOB की ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों को मात्र
100 रूपये प्रतिदिन
ग्रामीण बैंको के साथ उनके प्रायोजक बैंक किस तरह का व्यवहार और सोच रखते हैं,
इसकी बानगी पिछले दिनों बैंक ऑफ़ बड़ौदा प्रायोजित ग्रामीण बैंको में नोटबंदी के दौरान किये गए अतिरिक्त काम के लिए दिए गए परिश्रमिक
में साफ साफ दिख गयी. जहाँ बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने अपने अधिकारियों को नोटबंदी के दौरान
(10 नवम्बर 2016 से लेकर 31 दिसम्बर 2016) तक हर कार्य दिवस में रूपये 1500
प्रतिदिन के हिसाब से जेब खर्च का भुगतान किया है । तथा अन्य स्टाफ
को उनके अतिरिक्त कार्य के घण्टे के अनुसार ओबरटाइम का भुगतान किया गया है.
वहीँ
उसी काम के लिए अपनी ही ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों के लिए मात्र 100
रूपये और 200 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से
भुकतान किया गया है.
बड़ौदा राजस्थान ने दिए 100 रूपये प्रतिदिन
पहले
बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक द्वारा नोटबन्दी के दौरान बैंक समय के बाद भी काम
करने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त भुगतान का परिपत्र जारी
किया। जिसमे उसने बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों व् अधिकारियों के
लिए नोटबंदी के दौरान (10 नवम्बर 2016 से लेकर 31 दिसम्बर 2016) तक
हर कार्य दिवस में 100 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से भुकतान
करने का आदेश दिया।
तू डाल-2 मै पात-2
जैसे
ही बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक ने नोटेबंदी के पेमेंट की घोषणा की,
बैंक ऑफ़ बड़ौदा प्रायोजित एक अन्य बैंक बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण
बैंक ने भी नोटबंदी के पेमेंट की घोषणा कर दी. जिसमे उन्होंने 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पेमेंट करने
की बात कहीं।
दिनांक 29 मई को बैंक द्वारा सभी शाखाओं के लिए जारी
किये गये परिपत्र में कहा गया है कि नोटबन्दी के दौरान देर तक शाखा खुली रहने के
कारण अधिकारियों और कर्मचारियों को अतिरिक्त समय तक बैंक में उपस्थित रहना पड़ा है
जिससे उन्हें अपनी पाकेट से कुछ न कुछ खर्च करना पड़ा होगा ऐसी स्थिति में प्रतिदिन
रूपये 200 मात्र सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रति
कार्यदिवस के हिसाब से बैंक प्रतिपूर्ति करेगी। लेकिन इसमें अवकाश और छुट्टी के
दिन घटा दिये जायेगें।
परिपत्र
जारी होने के बाद सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपना दावा क्षेत्रीय
कार्यालयों पर भेजना शुरू कर दिया है।
कर्मचारी असंतुष्ट लेकिन मज़बूर
अरेबिया की कर्मचारी विंग के
एक पदाधिकारी का कहना है कि
यूनियन की लगातार मांग के बाद तीन साल बाद प्रबन्धन ने अतिरिक्त भुगतान किये जाने
का निर्णय लिया है। जिसमें समस्या यह आ रही है कि तमाम अधिकारी और कर्मचारी दूसरे
स्थान पर नियुक्त हो चुके हैं जिन्हे दावा फार्म भरने में परेशानी हो रही है। इसके
अलावा कितने कर्मचारी सेवा से निवृत्त हो चुके हैं जिन्हे नोट बन्दी का भुगतान
पाना टेढ़ी खीर होगी। फिल हाल बैंक आफ बड़ौदा ने अपने अधिकारियों को 10 नवम्बर से लेकर 31 दिसम्बर तक प्रति कार्यदिवस को
रूपये 1500 की दर से भुगतान किया है तथा कर्मचारियों को
अतिरिक्त काम के घण्टे का ओबर टाइम दिया गया है।
एक नज़र- बड़ौदा उत्तर प्रदेश बैंक
आपको बता दें, पूर्व में बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक अब 1 अप्रैल
2020 के बाद बड़ौदा यूपी बैंक हो चुकी है. इससे पूर्व इसका नाम बड़ौदा यूपी ग्रामीण
बैंक था. और यह प्रदेश के कुल 14 जिलों में काम कर रही थी. इसकी शाखाओं की संख्या
924 और टोटल बिज़नेस लगभग 24000 करोड़ था. लेकिन अब यह दो अन्य ग्रामीण बैंको
पूर्वांचल बैंक और काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक के साथ मिलकर बड़ौदा यूपी बैंक बन
चुकी है. बैंक के नाम से ऑफिशियली ग्रामीण हट चूका है. आपको बता दें मर्जर से
पूर्व पूर्वांचल बैंक प्रदेश के 10 जिलों में काम कर रही थी. इसकी शाखाओं की
संख्या 600 थी. और इसका मुख्यालय गोरखपुर में था. इसका बिज़नेस लगभग 16000 करोड़ था.
वहीँ अगर काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक की बात की जाए तो यह बैंक प्रदेश के कुल
सात जिलों में काम कर रही थी. और मर्जर से पूर्व इसकी शाखाओं की संख्या 459 थी. वहीं
अगर काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक के बिज़नेस की बात की जाए तो इसका टोटल बिजनेस
लगभग 15000 करोड़ था. इसका मुख्यालय वाराणसी में था.
लेकिन अब इन तीनो बैंक का आपस में विलय हो चूका है. और एक
नयी बैंक अस्तित्वा में आ चुकी है. जिसका नाम बड़ौदा यूपी बैंक रखा गया है. अगर नयी
बैंक की बात की जाए तो यह प्रदेश के कुल 31 जिलों में काम करेगी। और इसका टोटल
बिज़नेस लगभग 55000 करोड़ का हो गया है. नयी बानी बड़ौदा यूपी बैंक लगभग आधे उत्तर
प्रदेश में फैली हुई है. नयी बनी बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक की शाखाओं की
कुल संख्या 1983 हो गयी है. जो पहले की तुलना में दुगने से भी अधिक है. वही अगर
इसके कर्म चरियो की संख्या की बात की जाए तो तीनों बैंको के सभी करमचारियो को
मिलकर फ़िलहाल बड़ौदा यूपी बैंक में लगभग 9000 हज़ार कर्मचारी काम कर रहें हैं. जिसमे
3000 से अधिक तो मात्र काशिएर्स ही हैं. लगभग 2800 अफसर स्केल 1 है. वही बैंक के
चेयरमैन की बात की जाए तो नयी बड़ौदा यूपी बैंक के पहले चेयरमैन का नाम डी पी
गुप्ता है. आपको बता दें पूर्व यह बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के चेयरमैन भी
रहें हैं.
नयी बनी बड़ौदा यूपी बैंक के मुख्यालय की बात की जाये तो ये
प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में बनाया गया है. पूर्व में यहां
पूर्वांचल बैंक का हेड ऑफिस भी रहा है. इससे पूर्व बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक का हेड
ऑफिस राय बरेली में और काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक का हेड ऑफिस वाराणसी में था.
लेकिन अब तीनो बैंको के विलय के बाद बनी
नयी बैंक बड़ौदा यूपी बैंक का हेड ऑफिस गोरखपुर में बनाया गया है.
वहीं अगर नयी बनी बड़ौदा यूपी बैंक के बिजनेस की बात की जाये
तो यह अब कुल मिलाकर लगभग 55 हज़ार करोड़ हो गया है. आपको बता दें इससे पूर्व बड़ौदा
यूपी ग्रामीण बैंक का बिजनेस 24 हज़ार करोड़ था. वही पूर्वांचल बैंक का बिजनेस 16
हज़ार करोड़ रुपए था. तीसरी बैंक काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक की बात की जाए तो
इसका बिजनेस लगभग 15 हज़ार करोड़ था. लेकिन चुकि अब यह तीनो बैंक आपस में विलय हो
चुकी हैं. तो इनका टोटल बिजनेस भी आपस में विलय हो चूका है. और 31 मार्च 2019 के
आकड़ों के हिसाब से यह लगभग 55 हज़ार करोड़ रूपये हो जाता है. बैंक के लिहाज़ से अब यह
बैंक काफी बड़ा हो चुका है.
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