Bank Scams In India- सरकारी बैंको को लूट रहे कॉरपोरेट
घराने
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INDIAN PSU BANK विशेष:- किसी भी देश का Banking System उस देश की अर्थव्यवस्था (Econony) की रीढ़ होता है. लेकिन जब इसी Banking System पर कॉरपोरेट की गन्दी नज़र पड़ जाती है. तब देश में
बड़े-2 Scams का दौर शुरू होता है. एक आम बैंक कर्मी
का इन Scams से कोई लेना देना नहीं होता। इस तरह के लोन सीधे तौर पर
उच्चाधिकारियों के द्वारा सरकारी हस्तक्षेप के जरिये दिए जाते हैं. लेकिन इन Scams का सबसे ज्यादा असर अगर किसी पर होता है. तो वो है उस बैंक का एक आम
कर्मचारी।
सरकारी ख़र्चे पर नहीं खुद कमाते हैं बैंक
दरअसल बैंको को भले सरकार की
संस्था कहा जाता है. लेकिन सरकार की तरफ से
बैंको को चलाने के लिए किसी तरह का कोई Fund नहीं मिलता है. बैंक के कर्मचारी खुद
अपनी सैलरी कमाते हैं. और जब Bank Profit में होता है तो वो सपनी सैलरी और बाकि
सारे ख़र्चे निकालकर सरकार को पैसा भी कमा कर देता है.
लेकिन जब यह बैंक बड़े-2 Scams का शिकार हो जाते
हैं. तब इन आम बैंक कर्मियों के छोटे-2 भत्ते भी काट दिए जातें हैं. इसका सीधा
असर उनकी सैलरी पर पड़ता है. नतीजा यह होता है की हर पांच साल में होने वाला बैंक
कर्मियों का Settlement 3-3 साल देरी से होता है. अभी भी 2017 से बैंक कर्मियों का
सेट्लमेंट पेंडिंग है.
आज हम आपको देश के सबसे बड़े बैंक Scams से रूबरू कराने वाले हैं. जिनके कारण
देश का एक सरकारी बैंक बिक चुका है. तीन बैंको का मर्जर हो चूका है. और बाकि पर प्राइवेट होने की तलवार लटक रही है. सरकार पहले ही इन बैंको में अपनी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से कम करने की तैयारी कर रही है. इससे सरकार को खूब सारा पैसा मिलेगा। जिसे वो तरह तरह की लोक लुभावन
योजनाओं में लगा सकती है.
देश के बड़े सबसे कॉरपोरेट घोटाले
1- विजय माल्या Bank Scam
देश छोड़कर भाग चुके विजय माल्या ने अकेले देश के 13 बैंको को 9432 करोड़ रूपए का चुना लगाया। इसमें सबसे ज्यादा 1600 करोड़ SBI- STATE BANK OF INDIA के
थे. विजय माल्या को 800 करोड़ का कर्ज PNB ने दिया था. उस समय के देश के सरकारी बैंक लेकिन अब प्राइवेट हो चुके IDBI बैंक ने विजय माल्या को 650 Crore का कर्ज दिया था.
Bank Of India का 650 करोड़, इसके बाद BOB के 550 Crore का नम्बर आता है. जैसा कि
आप जानते होंगे विजय माल्या 2 मार्च 2016 को देश से भाग चूका है और लन्दन में मज़े से रह रहा है. और पिछले दिनों
कई बार देश का मीडिया उन्हें वापस भारत ला चुका है. आजतक किसी मीडिया वाले ने यह सवाल नहीं उठाया की इतना बड़ा घोटलेबाज देश
की इतनी बड़ी-बड़ी एजेंसियो को चकमा देकर कैसे भाग गया.
2. नीरव मोदी का PNB- PUNJAB
NATIONAL BANK Scam
PNB- PUNJAB NATIONAL BANK बैंक घोटाला (Bank
Scam) देश का सबसे बड़ा Bank
Scam है, इसका मुख्य सूत्रधार नीरव मोदी है. यह
घोटालेबाज भी देश छोड़ कर भाग चुका है. और देश की एक्टिव मीडिया इनको को आये दिन
भारत वापस लाती रहती है. लेकिन यह सवाल किसी ने नहीं पुछा की देश के इतने बड़े बड़े घोटालेबाज भाग कैसे जातें हैं.?
यह लोग कोई रात के अँधेरे में पैदल बॉर्डर पार करके नहीं भागे हैं. यह
भारतीय पासपोर्ट के साथ बाकायदा भारतीय हवाई अड्डों से भारतीय जहाजों के जरिये
भागे हैं. एक सरकारी कर्मचारी अगर बिना विभाग की अनुमति के अगर विदेश यात्रा कर
ले. तो उसकी नौकरी चली जाती है. लेकिन यह लोग खुले आम निकल गए और इनको किसी ने nahi देखा। इसी Scam के एक और आरोपी नीरव मोदी के मामा मेहुल चौकसी भी देश छोड़ कर भाग गया.
और काफी टाइम तक देश की तमाम एक्टिव एजेंसियो को उसकी लोकेशन तक पता नहीं थी. अब
उसके एंटीगुआ में होने की बात सामने आयी है.
3- हाल ही भूषण स्टील Bank Scam
यह Bank Scam अभी हाल ही में सामने आया है. इसका शिकार भी एकबार PNB- PUNJAB NATIONAL BANK ही हुआ है. यह Scam 3800 करोड़ रूपये का है. हाल ही में PNB-
PUNJAB NATIONAL BANK ने इसकी जानकारी देते हुए बताया, कि बैंक के अधिकारियों ने भूषण पॉवर एवं स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) की 3,800 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता लगाया है. बैंक ने इस बारे में RBI को
रिपोर्ट दे दी हैं। PTI के मुताबिक PNB की ओर से कहा गया कि भूषण पॉवर एंड
स्टील लिमिटेड ने बैंक कर्ज में धोखाधड़ी की और बैंकों के समूह से कोष जुटाने को
लेकर अपने बही-खतों में गड़बड़ की. बैंक ने शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा,
‘बैंक ने फोरेंसिक ऑडिट जांच और स्वतरू संज्ञान लेकर बीपीएसएल और
उसके निदेशकों के खिलाफ CBI की प्राथमिकी के आधार पर RBI को 3,805.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
की रिपोर्ट दी है।
4. Rotomac Pen Scam
रोटोमैक पेन के प्रोमोटर विक्रम कोठारी पर सात Public Sector Banks के साथ 3695 करोड़ रूपये का हेरफेर करने का आरोप है. रोटोमैक पेन ने 2008 से 2013 के बीच 15 करोड़ से 200 करोड़ रूपये रागिबग के लिए 7 बैंको
से लिए. इसमें कानपूर के माल रोड स्थित BOB- BANK OF BARODA की इंटरनेशनल शाखा भी शामिल है. रोटोमैक ने यह पैसा सप्लायर्स को चुकाने की जगह, पैसे को
रोटोमैक और उसकी सहायक कंपनियों में घुमा दिया। जबकि यह पैसा उसने पेन की
मैन्युफैक्चरिंग के लिए लिया था. इसमें BOI का 754.77 करोड़ रूपए, IOB का 771.07 करोड़ रूपए, UNION BANK का 459 करोड़, BOB- BANK OF BARODA का 456 करोड़, ALLAHBAAD BANK का 330 करोड़ रूपये, OBC का लगभग 100 करोड़ रूपये व् अन्य का फंसा हुआ है.
5 -कनिष्क गोल्ड लोन
घोटाला-Kanishk Gold Fraud
इस घोटाले में SBI सहित देश 14 सरकारी बैंको का का कुल 824 करोड़ रूपये फसा है, इसका मुख्य आरोपी कनिष्क गोल्ड प्राइवेट
लिमिटेड का निदेशक भूपेंद्र कुमार जैन और उसकी
पत्नी नीता जैन है. इन पर बैंको के 824 करोड़ रुपए का लोन ना चुकाने का आरोप है. CBI-Central
Bureau of Investigation और ED-Enforcement
Directorate इस मामले की जांच कर रहीं है. हालाँकि यह दोनों भी देश छोड़कर भाग चुके हैं.
6. सहारा घोटाला-Sahara Scam
इस Scam में देश के आम लोगो को सीधे तौर पर 27000 करोड़ का चुना लगा है. इसमें सुब्रत
राय सहारा की अगुआई वाली दो कंपनियों पर देश के 2.7 करोड़ आम लोगों से 27000 करोड़ की ठगी करने का आरोप है. इस मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
7. आरपी इन्फ़ोसिस्टम बैंक
घोटाला - RP Infosystem Bank Scam
इस घोटाले में सबसे ज्यादा चुना अब प्राइवेट हो चुके IDBI Bank को लगा है. 515 करोड़ के इस Scam में आरपी
इन्फ़ोसिस्टम ने फ़र्ज़ी दस्तावेजों के जरिये 515 करोड़
का Loan प्राप्त किया। जिसे बाद में लौटाने से इंकार कर दिया। यह घोटाला कोलकाता से
जुड़ा है.
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वर्षों में बैंकों में धोखाधड़ी के 44,016
मामले सामने
सरकार ने मंगलवार को कहा कि पिछले 11
वर्षों के दौरान Public Sector Banks और चुनिंदा वित्तीय
संस्थानों में धोखाधड़ी के 44,016 मामलों
सामने आये हैं। इन मामलों में 1,85,624 करोड़ रूपए संबद्ध थे। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर
ने आर के सिन्हा के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
ठाकुर ने बताया कि 2016-17 में धोखाधड़ी के 3,927 मामलों की सूचना दी गयी। इन मामलों में 25883.
99 करोड़ रूपये संबद्ध थे। यह राशि पिछले 11
वर्षों में सबसे ज्यादा थी। उन्होंने बताया कि 2018-19
में धोखाधड़ी के 2,836 मामले सामने आए जिनमें 6734.60 करोड़ रूपए जुड़े हुए थे। मंत्री ने बताया कि ऐसी धोखाधड़ी के
सबसे ज्यादा 4504 मामले
2012-13
में सामने आए। ठाकुर ने कहा कि सरकार ने बैंकों में धोखाधड़ी
की घटनाओं पर काबू पाने के लिए व्यापक कदम उठाये गये हैं।
पिछले कुछ सालो में कॉर्पोरेट ने डकारा अरबो रूपये
पिछले कुछ
वर्षो से कारपोरेट घरानों द्वारा बैंकों का अरबो रूपया डकार लिए जाने की घटनाओं
में तेजी से इजाफा हुआ है। कारपोरेट घराने इतने असरदार है कि जो भी सरकार बनती है
उससे उनको सहयोग मिलना शुरू हो जाता है। इनका सरकार में बैठे हुए मंत्रियों और
अधिकारियों पर इतना जबर्दस्त प्रभाव देखा गया है कि हर बैंक इन्हे मनमाफिक लोन
देने के लिए मजबूर हो जाता है। कंही कहीं पर बैंक के उच्चाधिकारियों को मिला कर भी
इस प्रकार के खेल खेलने की घटनाएं प्रकाश में आ रही है। सिस्टम की सख्ती ही इन
घटनाओं पर पाबन्दी लगा सकती है। पिछले कुछ दिनों की सख्ती रंग ला रही है।
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