PUPGB- Prathama UP Gramin Bank के विलय के बाद, अब होगा यूनियनो का विलय, 1 सितम्बर को चुनाव ~ IPB

PUPGB- Prathama UP Gramin Bank के विलय के बाद, अब होगा यूनियनो का विलय, 1 सितम्बर को चुनाव


PUPGB- Prathama UP Gramin Bank के विलय के बाद, अब होगा यूनियनो का विलय, 1 सितम्बर को चुनाव
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प्रथमा बैंक और सर्व युपी ग्रामीण बैंक के विलय के बाद अब बारी इन बैंको की यूनियनो के विलय की है. इसी क्रम ग्रामीण बैंको की सबसे बढ़ी व प्रभावी यूनियन  AIRRBEA समर्थित Prathama UP Gramin Bank- PUPGB के अधिकारी संवर्ग की नयी कार्यकारणी के गठन के लिए बैंक के आम चुनाव दिनाँक 1 सितम्बर को संपन्न होने जा रहें हैं. यह चुनाव बैंक के सभी 10 रीजन में सुबह 10 बजे से सायं 4 बजे तक होंगे। इन चुनाव के जरिये प्रथमा युपी ग्रामीण बैंक में अधिकारी एसोसिएशन की नयी कार्यकारणी का गठन हो जाएगा।

इस चुनाव में जो भी जीतेगा उसके सर पर बढ़ी जिम्मेदारी भी आनी तय है. क्योंकि नयी नयी प्रथमा युपी ग्रामीण बैंक में कर्मचारियों से जुड़े बहुत सारे मुद्दे लंबित हैं. जो भी इस चुनाव में जीतकर आएगा उसके ऊपर निश्चित ही इन कर्मचारियों की उम्मीदों का बोझ होगा। और उनका मुकाबला पहले से ज्यादा मज़बूत और संगठित प्रबंधन से होगा। उम्मीद है जो भी लोग पदाधिकारी बनेंगे वो अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए कर्मचारियों के हित में अपने कर्तव्यों का निर्वहन अवश्य करेंगे।

आईये एक नज़र उन उम्मीदवारों पर डाल लेते हैं, जो इस चुनाव के जरिये अपने ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी लेने को तैयार दिख रहें है. इनके जोश और भरोसे से ऐसा लगता है जैसे Prathama UP Gramin Bank ( प्रथमा युपी ग्रामीण बैंक ) को एक बेहद ही कुशल नेतृत्व मिलने वाला है.

अध्यक्ष पद के लिए - आशुतोष कुमार एवं सुनील कुमार बालियान
कार्यकारी अध्यक्ष पद के लिए - प्रदीप कुमार सक्सेना एवं सदानंद कुमार
जनरल सेक्रटरी पद के लिए - के. एल गौर एवं नितिन त्यागी
ए. जनरल सेक्रटरी- मोहित चौधरी एवं आर. डी. बेंगरा
आर्गेनाइजेशन सेक्रटरी - आशीष कुमार चौरसिया एवं ओ. पी. तिवारी
जॉइंट सेक्रटरी - अरुण कुमार मिश्रा एवं अश्वनी शंकर कात्यायन
AD. प्रचार मंत्री- रुपेश कुमार एवं शरद सरोज
एग्जीक्यूटिव मेंबर- भानु प्रताप सिंह, सौरव जैन एवं सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव

तो साथियो तैयार हो जाइए कल के लिए सभी लोग अपना वोट जरूर डाले। एक अच्छा नेतृत्व आपको बहुत सारी परेशानियों से बचा सकता है. इस लिए सभी श्रेष्ठ उपलब्ध ऑप्शंस में से सर्वश्रेठ चुनने की जिम्मेदारी अब आपके कंधो पर है.

एक नज़र- Prathama UP Gramin Bank

दिनाँक 1 अप्रैल 2019 से अस्तित्व में आये Prathama UP Gramin Bank ( प्रथमा युपी ग्रामीण बैंक ) उत्तर प्रदेश की 2 ग्रामीण बैंको सर्व यूपी ग्रामीण बैंक और प्रथमा बैंक को मिलाकर बना है. समामेलन के पश्चात् वर्तमान में Prathama UP Gramin Bank की कुल 937 शाखाएं हैं. जो उत्तर प्रदेश के 19 जिलों अमरोहा, बागपत, बलरामपुर, बिजनौर, बदायू, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, गोंडा, हापुड़, झाँसी, ललितपुर, मेरठ, मुरादाबाद, मुज्जफरनगर, रामपुर, सहारनपुर, सम्भल और शामली जिले में तथा उत्तराखड रराज्य के हरिद्वार जिले में फैली हुई हैं. बैंक का प्रधान कार्यालय उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में स्थित है. तथा वर्तमान में बैंक का प्रायोजक बैंक पंजाब नेशनल बैंक है. वर्तमान में बैंक के चेयरमैन अनिल कुमार शर्मा हैं. 

अरेबिया (AIRRBEA)  से सम्बद्ध है यूनियन (Union)

आपको बता दें, प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक की यूनियन (Union) देश में ग्रामीण बैंको की सबसे बड़ी यूनियन (Union) अरेबिया (AIRRBEA)  से सम्बद्ध है. ग्रामीण बैंको में अरेबिया (AIRRBEA)  का एक बड़ा इतिहास है. जब देश की सरकारें हमें बैंकर मानने को तैयार नहीं थी. तब दादा मुखर्जी ने इस भेद भाव के विरुद्ध आवाज बुलंद करने के लिए ग्रामीण बैंको के लिए अरेबिया (AIRRBEA)  नाम का एक प्लेटफार्म बनाया। दादा मुखर्जी पुरे देश में अरेबिया (AIRRBEA)  से ग्रामीण बैंकर्स (Gramin Bankers) को जोड़ने के लिए घूमते रहे. अरेबिया (AIRRBEA)  को बनाने  काम कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, की एक समय  देश में 196 से अधिक ग्रामीण बैंक काम कर रहे थे. इन सबके हेड ऑफिस अलग अलग थे. सबके चेयरमैन अलग अलग थे. यहाँ तक की सभी ग्रामीण बैंको में मिलने वाली सुविधाएं भी अलग अलग थी. ऐसे में दादा मुखर्जी ने देश की सभी ग्रामीण बैंको की आवाज को एक स्वर देने के लिए बीड़ा उठाया।

सबसे पहले दादा ने राष्ट्रीयकृत बैंको की यूनियन (Union) से एफिलिएशन के लिए रिक्वेस्ट की. लेकिन उस समय की राष्ट्रीयकृत बैंको की यूनियनों ने दादा को यह कहते हुए मना कर दिया की आप तो राज्य सरकार के कर्मचारी हैं. उस समय की सरकार क्या राष्ट्रीयकृत बैंको की यूनियन (Union) भी हमें बैंकर मानने को तैयार नहीं थी. दादा ने बीड़ा उठाया और ग्रामीण बैंकर्स (Gramin Bankers) को बैंकर का दर्जा दिलवाने के लिए निकल पड़े. और दादा के नेतृत्व में अरेबिया (AIRRBEA)  एक के बाद के सीढ़िया चढ़ती चली गयी. NIT award के रूप में ग्रामीण बैंकर्स (Gramin Bankers) को भी बैंकर का दर्जा मिला। दादा ने अरेबिया (AIRRBEA)  के जरिये अलग- अलग प्लेटफार्म से लड़ाई लड़ी. कभी वो लड़ाई को कोर्ट लेके गए. कभी उन्होंने आंदोलन का रास्ता चुना। कभी संसद सदस्यों का सहारा लेकर ग्रामीण बैंकर्स (Gramin Bankers) के हित में कानून बनवाये। अरेबिया (AIRRBEA)  के इतिहास में NIT AWARD के बाद सबसे बड़ी लड़ाई पेंशन की लड़ाई थी. लेकिन 2018 में आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ग्रामीण बैंकर्स (Gramin Bankers) को पेंशन का रास्ता साफ़ हो गया. हालांकि दादा इस सपने के पूरा होने से पहले ही इस दुनिया को अलविदा कह गए. आज उनके द्वारा तैयार एक मज़बूत टीम अरेबिया (AIRRBEA)  का नेतृत्व कर रही है. और अरेबिया (AIRRBEA)  ग्रामीण बैंकर्स (Gramin Bankers) के लिए अपना सम्पूर्ण योगदान दे रहा है.
वर्तमान समय में अरेबिया ग्रामीण बैंको की सबसे बड़ी यूनियन है, और देश की हर ग्रामीण बैंक में इसकी विंग्स बेहद ही संजीदगी से काम कर रहीं हैं. वर्तमान समय में इसकी कमान दादा सगुन शुक्ल, दादा रेड्डी जी, दादा शिव करन द्विवेदी जी आदि के नेतृत्व में है. अरेबिया ने हर दो साल में होने वाली अपनी सभा हाल ही में उज्जैन में संपन्न की है, जिसमे पुरे देश से लगभग 700 लोग सम्मिलित हुए थे. अरेबिया की अगली आम सभा नार्थ ईस्ट में होनी है. और इस आम सभा के बाद अरेबिया का नेतृत्व एक दम नए हाथों  में आ जाएगा।  क्योकि अरेबिया के कई बड़े नेता इस सभा से पहले या बाद में रिटायर हो जायँगे। अरेबिया की अगली आम सभा खुद अरेबिया के भविष्य के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है.

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