सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया को अप्रैल-जून तिमाही में 118 करोड़ रूपये का शुद्ध लाभ
INDIANPSUBANK ;- पिछले साल की अप्रैल-जून तिमाही में 1522.24 करोड़ रूपए का शुद्ध घाटा उठाने वाले Central
Bank Of India को चालू वित्त वर्ष
की पहली तिमाही में 118.33 करोड़ रूपए का शुद्ध लाभ हुआ है. गौरतलब है पिछली तिमाही में देश के अधिकतर
बैंक घाटे में रहे थे. लेकिन इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अधिकतर बैंक एकबार
फिर घाटे से मुनाफे की तरफ लौट रहें हैं. इसे राष्ट्रीयकृत बैंको के लिए जरूर एक
शुभ संकेत माना जा सकता है.
शेयर बाजार को दी जानकारी
Central
Bank Of India ने शेयर बाजार को
दी जानकारी में बताया की इस वित्त वर्ष पहली तिमाही में बैंक की कुल आमदनी बढ़कर
6493.55 करोड़
रुपये हो गयी है. जो वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में 5904.82 करोड़ रूपए
थी. Central
Bank Of India ने शेयर बाजार को
दी जानकारी में बताया की बैंक को यह मुनाफा फंसे कर्ज के लिए किये गए प्रावधान में
कमी आने की वजह से हुआ है. गौरतलब है बैंक की परिसम्पतियों में भी सुधार हुआ है.
NPA में 2.24
फीसदी की कमी
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में Central
Bank Of India ने NPA
के मोर्चे पर भी
सुधार किया है. बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (NPA)
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 19.93 प्रतिशत
पर आ गया है. एक साल पहले वित्त वर्ष 2018-19 पहली तिमाही में बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (NPA)
22.17 प्रतिशत खतरनाक स्तर पर
थीं. चाहे भले ही बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (NPA)
में कुछ कमी आयी हो. लेकिन इसे बैंक के लिए राहत की खबर तो
माना ही जाएगा। और निश्चित रूप से Central Bank Of India के इन नतीजों से बैंक के कर्मचारी और प्रबंधन खुश होंगे।
इसके साथ ही Central Bank Of India का शुद्ध (NPA) में भी 2.60 फीसदी की कमी आयी है. और यह चालू वित्त वर्ष के पहली तिमाही में 7.98
प्रतिशत के स्तर पर आ गया है. जो पिछले वित्त वर्ष में 10.58
फीसदी था.
एक नज़र-
सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)
सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)की स्थापना साल 1911 में हुई थी. यह देश
की पहली ऐसी बैंक थी जिसके मालिकाना हक़ और प्रबंधन पूरी तरह से भारतीय के पास था.
सर सोराबजी पोचखानवाला ने साल 1911 में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central
Bank Of India)की स्थापना की थी. यह उनका सपना था. सर फ़िरोज़शाह
मेहता वास्तव में देश के पहले भारतीय अध्यक्ष थे. सर सोराबजी पोचखानवाला के लिए यह
गर्व की बात थी की सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)भारतीय बैंक थी. और उन्होंने इसे देश की बैंक और देश की संपत्ति बताया था.
उन्होंने यह भी जोड़ा की सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)लोगो के विश्वास पर कायम है. और खुद को लोगो का बैंक मानता है.
पिछले 106 सालो में बैंक ने कई चुनौतियों का सामना किया है.
लेकिन सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank
Of India)ने हर चुनौती को व्यवसाय के अवसर के रूप में बदला है. और
इसीलिए बैंक अपने साथ शुरू हुए कई अन्य बैंको से काफी आगे निकल पाया है. सेंट्रल
बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)द्वारा कई नविन
तकनीकों के द्वारा बैंकिंग को सरल और सुलभ बनाया गया है. जिससे देश के आम नागरिको
को सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)का फायदा
मिल सके.
सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)ने लगातार भारतीय रिज़र्व बैंक और भारत
सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए,
कृषि, लघु, मध्यम और सूक्ष्म उधोगों को बढ़ाबा देने के लिए लगातार काम कर रहा है. और इसकी
योजनाओं का लाभ देश के आम नागरिक लगातार उठा रहें हैं. शिक्षित युवाओं को रोजगार
से जोड़ने के लिए भी सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central
Bank Of India)ने कई योजनाये चला रखी हैं. जिससे कई युवाओं ने अपने
खुद के रोजगार स्थापित कियें हैं.
सार्वजानिक क्षेत्रों की बैंको में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया
(Central Bank Of India)को वास्तव में एक आल
इंडिया बैंक के रूप देखा जा सकता है. क्योकिं इसका नेटवर्क देश के सभी 29 राज्यों
तथा 7 मेसे से 6 केंद्र शासित प्रदेशो में फैला हुआ है.
सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)के देश में कुल 10 सैटेलाइट कार्यालयों
(फरवरी 2019 तक) के साथ-साथ 4659 शाखाओं के साथ काम कर रहा था. सेंट्रल बैंक ऑफ़
इंडिया (Central Bank Of India)का हेड ऑफिस मुंबई में स्थित
है. सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)के
ग्राहकों में ICICI, IDBI, UTI, LIC, HDFC आदि
बड़े नाम शामिल हैं.
सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)द्वारा महत्वपूर्ण योजनाओं का प्रारम्भ
साल 1921 में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)ने समाज के सभी वर्गों
में बचत की आदत डालने के लिए घरेलु बचत सुरक्षित जमा योजना का प्रारम्भ किया।
साल 1924 में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)ने बैंक की महिला
ग्राहकों को सेवा प्रदान करने के लिए विशिष्ट महिला विभाग की शुरुआत की.
साल 1926 में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)ने सुरक्षित जमा लॉकर
सुविधा और रुपया यात्रा चेक की शुरुआत की.
साल 1929 में सेंट्रल
बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of
India)नेनिष्पादक एवं न्यासी विभाग की स्थापना की.
साल 1932 में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)ने जमराशि बिमा सुविधा
योजना की शरुआत की.
साल 1962 में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)ने आवर्ती जमा योजना
की शरुआत की.
साल 1969 में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)का राष्ट्रीयकरण
हुआ. और इसके बाद यह देश का सरकारी बैंक
बन गया.
साल 1976 में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)ने मर्चेंट बैंकिंग
कक्ष की स्थापना की.
साल 1980 में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)ने बैंक ने क्रेडिट कार्ड सुविधा का शरुआत की.
जिसका नाम सेंट्रल कार्ड रखा गया.
साल 1986 में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)ने बैंकिंग जमा योजना
प्लैटिनम जुबली जमा योजना की शुरुआत की.
साल 1989 में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)ने बीमा के क्षेत्र
में कदम रखा. और आवासीय सहायक कं. सेन्ट बैंक होम फायनेंस लि का शुभारम्भ किया।
साल 1994 में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)ने बाहरी चेकों की
शीघ्र बसूली के लिए फ़ास्ट चेक बसूली तथा तत्काल सेवा की शुरुआत की.
सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)देश के सबसे पुराने बैंको में से एक है.
बैंक ने बड़े ही अच्छे ढंग से खुद को भारतीये ग्राहकों की सेवा में लगाया है. बैंक
का अपना गौरवशाली इतिहास है. यह बैंक साल 1911 से देश की सेवा में लगा हुआ है. और
लगातार इसने सफलता के नए आयामों को छुआ है. देश के सभी राज्यों में इसका नेटवर्क
फैला हुआ है. सिर्फ एक केंद्र शासित प्रदेश को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में सेंट्रल
बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank Of India)की शाखाओं का जाल
फैला हुआ है. इसीलिए इसे ALL इंडिया बैंक का दर्जा प्राप्त है.
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