Cheque
Bounce हुआ तो होगी 2 साल
की जेल- संसद से पास हुआ बिल
The
Negotiable Instruments (Amendment) Bill, 2017 आखिरकार संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद अब कानून
बन गया है. इस विधेयक में Cheque Bounceहोने के लिए अब 2 साल की जेल का प्रावधान किया गया है. साथ ही Cheque
Bounceहोने पर आरोपी को Cheque की सम्पूर्ण
राशि का 20 प्रतिशत
पहले ही अदालत में जमा करना होगा।
अगर आप भी Cheque का इस्तेमाल करते हैं, और लोगो को Cheque जारी करतें हैं तो थोड़ा सतर्क हो जाएँ। क्योंकि अब अगर आपका Cheque
Bounce हुआ तो आपको दो साल की जेल की सजा हो सकती है. गुरुवार को
संसद से Negotiable Instruments (Amendment) Bill,
2017 पास हो गया है. और राष्ट्रपति
के हस्ताक्षर होते ही यह कानून अमल में आ जाएगा। इसके अलाबा इस बिल के तहत
आरोपी को Cheque की कुल
राशि के 20 प्रतिशत के बराबर राशि अदालत में केस की शुरुआत में ही जमा करनी होगी।
Cheque
Bounce मामलो पर लगेगा
अंकुश
विधेयक में Cheque
Bounce होने पर आरोपी को2 साल की जेल तक की सजा का प्रावधान है. विधेयक पर चर्चा का जबाब देते हुए वित्त राज्य
मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा," की समय-समय पर Cheque
Bounce की शिकायतें आती रहती हैं. और उन्ही के अनुसार Negotiable
instrument act 1881
में समय समय पर जरूरी संसोधन किये गए हैं. और जरूरत पड़ने पर आगे भी ऐसा होता
रहेगा।“ उन्होंने कहा इस
संसोधन में यह प्रावधान किया गया है की Cheque Bounce होने
पर आरोपी की तरफ से Cheque पर अंकित राशि का 20 प्रतिशत अदालत में जमा करना होगा।
इस बिल के अनुसार अगर निचली अदालत में आरोपी को Cheque Bounce का दोषी पाया जाता है. और वो
इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करता है. तब उसे ऊपरी अदालत में कुल राशि
के 20
प्रतिशत के बराबर राशि कोर्ट में जमा करनी होगी।
कम
होगा अदालतों का बोझ
आपको बता दें, इस समय देश भर की निचली अदालतों में Cheque Bounce के 16 लाख से अधिक मामले चल रहें हैं. इनमे से 32000 हज़ार मामले ऊपरी अदालतों तक भी गए हैं. जिससे अदालत पर अनावश्यक बोझ पड़ रहा है.
उम्मीद है इस विधेयक के कानून बनने के बाद Cheque
Bounce के मामलो में कमी आएगी। और देश की अदालतों का बहुमूल्य समय
अन्य जरूरी मामलों के लिए बच जायेगा।
बढ़ेगी
बैंको की साख
नए कानून में Cheque प्राप्तकर्ता को और अधिक अधिकार दिए गये हैं. इससे Cheque प्राप्तकर्ता को कुछ न कुछ राहत तो जरुर मिलेगी। साथ ही इससे लोगो का Cheque लेनदेन में भरोसा बढ़ने के साथ ही Cheque द्वारा
लेनदेन को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद भी है. इससे कहीं न कहीं बैंको की साख को भी
कुछ न कुछ फ़ायदा जरूर होगा।
विपक्ष
की मांग- 4 साल हो सज़ा
संसद में विधेयक पर चर्चा के दौरान प्रमुख विपक्षी दाल कांग्रेस
के सदस्यों ने मौजूदा विधेयक को और जायदा प्रभावी बनाने के लिए इसमें सजा का
प्रावधान 2
साल से बढाकर 4 साल करने
और अंतरिम मुआवजे की राशि को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 से 40 प्रतिशत
करने की मांग की थी. लेकिन सरकार ने विपक्ष की मांग को दरनिकार करते हुए,
विधेयक को संसद के दोनों सदनों से पास करवा लिया। अब
राष्टपति के हस्ताक्षर होते ही यह कानून प्रभावी हो जाएगा।
Cheque
Bounce होने पर क्या करें
आज के दौर के सभी के बैंक खाते खुल चुके हैं. और अधिकतर लोग
Cheque द्वारा बैंको से लेनदेन भी करते हैं.
हो सकता आपके साथ कभी ऐसा हुआ हो जब किसी ने आपको कोई Cheque
दिया हो लेकिन जब आप उसे बैंक में के गए हो तो वो बिना कैश हुए ही वापस हो गया हो.
और बैंक ने आपसे कहा हो की जारीकर्ता के खाते में पैसे ना होने की वजह से आपका Cheque
Bounce हो गया है. Cheque Bounce तभी होता है. जब जारीकर्ता के अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं होता है. जब Cheque
Bounce होता है तब बैंक द्वारा ग्राहक को एक रशीद दी जाती है. जिसमे
Cheque Bounce होने की वजह लिखी होती है. अगर आपके साथ भी
कभी ऐसा हुआ तो आपको क्या करना चाहिए। हम
आपको आगे यही बताने वाले हैं.
Cheque Bounce होने की स्थिति में ग्राहक को 30
दिन के भीतर जारीकर्ता को एक नोटिस भेजना होता है. इसके लिए किसी
वकील की मदद ली जा सकती है. यदि इसके बाद भी जारीकर्ता देनदार आपको पैसे नहीं देता
है. तो आप नोटिस भेजने के 15 दिन बाद जिले के कोर्ट में किसी वकील की मदद से नेगोशिएबल
इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1981 की धारा 138 के तहत आपराधिक मामला दर्ज करवा सकते हैं. इसके बाद कोर्ट आरोपी को सजा के साथ Cheque की राशि के दुगने के बराबर आर्थिक दंड
लगा सकती है. इसलिए यदि आपका Cheque Bounce होता है तो सही
समय पर कार्यवाही करने से आपका पैसा डूबने से बच सकता है.
Cheque
Bounce के मामलें में एक साल जेल और 3.50 लाख
जुर्माना
राजस्थान के अजमेर जिले के बहरोड़ में एसीजेएम कोर्ट संख्या
दो की जज आरती माहेश्वरी ने शुक्रवार को Cheque
Bounceके मामले में फैसला देते हुए Cheque Bounceके आरोपी को 1 साल जेल व् 3.5 लाख का जुर्माना लगाया है. आरोपी अनिल यादव ने गिल्लूराम
नाम के शख्स को अप्रैल 2017 में उधार लिए गए पैसो की वापसी के एवज में 2.60
लाख रूपये का एक Cheque दिया। Cheque आईसीआईसीआई बैंक का था,
जिसे गिल्लूराम ने अपने HDFC बैंक अकाउंट में लगाया। लेकिन आरोपी अनिल यादव के खाते में
रूपए ना होने की वजह से Cheque Bounceहो गया. जब बार बार रूपये मांगने के बाबजूद अनिल यादव ने रूपये नहीं
लौटाए। तो अगस्त 2017 में गिल्लूराम ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहाँ एक
केस दायर किया। जिसमे उन्होंने बताया की उसने कौशल्या टूर एंड ट्रेवल्स चलाने वाले
अनिल यादव को कुछ रूपये उधार दिए थे. जो उसने बार बार मांगने के बाद भी नहीं
लौटाए। जब अनिल से रूपये के लिए दबाव बनाया गया तो उसने 2.60
लाख रूपये का Cheque दिया। जो अनिल के खाते में रूपए ना होने की वजह से बाउंस हो गया. जिसके
बाद मजबूरन उन्हें कोर्ट की शरण में आना पड़ा.
cheque-dishonoured-a-step-by-step-guide-for-legal-recourse-Legal-implications-of-cheque-bounce-in-India
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