11th bipartite settlement- IBA और UFBU की वार्ता फेल , कल से शुरू होगी देश के 10 लाख Bankers की two days strike


11th bipartite settlement- IBA और UFBU की वार्ता फेल , कल से शुरू होगी देश के 10 लाख Bankers की two days strike

11th-bipartite-settlement-iba-ufbu-10-11th-bipartite-settlement-11th-bps-ufbu-continues-stirke-on-31-jan-and-1-feb-2020-5-days-banking-aibea-bank-unions-bank-news

Desk: 2017 से लटके 11th bipartite settlement (वेतन समझौते )और विभिन्न अन्य मांगो को लेकर देश के 10 लाख Banker कल से दो दिन की हड़ताल (Strike) पर जा रहें हैं. UNITED FORUM OF BANK UNIONS (UFBU) और INDIAN BANKS’ ASSOCIATION (IBA) के बीच चल रही वार्ता को UNITED FORUM OF BANK UNIONS (UFBU) की ओर से विफल घोषित कर दिया गया है. इसके साथ ही 31 जनवरी से शुरू होने वाली बैंको की दो दिनी हड़ताल (Strike) से जुड़े सभी कयासों को अब विराम लग गया है. देश के सभी Bank (बैंक) कल से दो दिन की हड़ताल (Strike) पर जा रहें हैं. अबतक INDIAN BANKS’ ASSOCIATION (IBA) हर बार स्ट्राइक से एक-दो दिन पहले कोई ना कोई आश्वाशन देकर स्ट्राइक को निरस्त करा देती थी. और Bank Unions भी INDIAN BANKS’ ASSOCIATION (IBA) पर भरोसा कर हड़ताल (Strike) की कॉल वापस ले लेते थे. और हर बार अंतिम समय में हड़ताल (Strike) टल जाती थी. जिससे आम Bank बैंक कर्मी अपने संगठनों से भी काफी नाराज़ हो गए थे. और अक्सर सोशल मीडिया के जरिये वो अपनी नाराज़गी जाहिर करते रहते थे.

Bank (बैंक) कर्मियों में भारी उत्साह

इस बार हड़ताल (Strike) की कॉल को अंतिम समय में निरस्त ना करने की वजह से आम Bank (बैंक) कर्मियों में खासा उत्साह है. दरअसल Bank (बैंक) कर्मी 11th bipartite settlement (वेतन समझौते ) में देरी की वजह से सरकार, INDIAN BANKS’ ASSOCIATION (IBA) और UNITED FORUM OF BANK UNIONS (UFBU) से खासे नाराज़ है. और बार बार स्ट्राइक की कॉल और फिर उसको वापस लेने की वजह से Bank (बैंक) कर्मी परेशान हो चुके थे. और सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार अपनी यूनियननो पर अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) पर जाने की मांग कर रहे थे. और INDIAN BANKS’ ASSOCIATION (IBA) की तरफ से किसी भी उचित प्रस्ताव की उम्मीद खोने के बाद अब यूनियनो ने मज़बूरी में ही सही हड़ताल (Strike) पर जाने का फैसला कर ही लिया है.

20% की मांग, IBA ने दिया 15% का प्रस्ताव



UNITED FORUM OF BANK UNIONS (UFBU) से प्राप्त जानकारी के अनुसार INDIAN BANKS’ ASSOCIATION (IBA)  की ओर  से पहले 13.5 प्रतिशत का प्रस्ताव दिया गया. जिसके बाद UNITED FORUM OF BANK UNIONS (UFBU) की ओर से वार्ता का बॉयकॉट कर दिया गया. इसके बाद पुनः INDIAN BANKS’ ASSOCIATION (IBA) व् SBI चेयरमैन रजनीश कुमार  ने वार्ता का प्रस्ताव दिया। जिसमें INDIAN BANKS’ ASSOCIATION (IBA) की ओर से 15% का ऑफर दिया गया. लेकिन अन्य माँगो पर जैसे 5- DAYS BANKING व् सभी अल्लोवेन्सस का बेसिक पे में मर्जर पर कोई सहमति ना बनने की वजह से UNITED FORUM OF BANK UNIONS (UFBU) की ओर से स्ट्राइक को CONTINUE किया गया है. आपको बता दें  5- DAYS BANKING बैंक कर्मियों की सबसे महत्वपूर्ण माँग है. Bank (बैंक) कर्मी केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह प्रत्येक शनिवार व् रविवार को अवकाश की मांग लम्बे समय से कर रहें हैं. लेकिन सरकार और INDIAN BANKS’ ASSOCIATION (IBA) की ओर से अबतक इस पर कोई पॉजिटिव सिग्नल नहीं दिया गया है.

आंदोलन का प्रथम पड़ाव

31 जनवरी और 1 फरवरी की हड़ताल (Strike) Bank (बैंक) कर्मियों के आंदोलन का प्रथम पड़ाव है. भले UNITED FORUM OF BANK UNIONS (UFBU) की ओर से 31 जनवरी और 1 फरवरी को दो दिन की हड़ताल (Strike) का ऐलान किया गया हो. लेकिन असल में Bank (बैंक) तीन दिनों के लिए बंद होने वाले हैं. और जिन्होंने आज अपने जरुरी काम नहीं निबटाएं हैं अब वो उन्हें सोमवार से पहले नहीं निबटा पायेंगे। क्योंकि आज के बाद अब Bank (बैंक) सीधे सोमवार को ही खुलने वाले हैं. अगर इस स्ट्राइक के बाद भी सरकार और INDIAN BANKS’ ASSOCIATION (IBA) Bank (बैंक) कर्मियों की बात नहीं मानता तो 11, 12 और 13 मार्च 2020 को Bank (बैंक) कर्मी एक बार फिर तीन दिनों की हड़ताल (Strike) करेंगे। जो असल में पांच दिनों की हड़ताल (Strike) होगी। क्योंकि 14 को महीने का दूसरा शनिवार और 15 को रविवार होने की वजह से बैंको का अवकाश रहेगा। यदि इसके बाद भी सरकार और INDIAN BANKS’ ASSOCIATION (IBA) की ओर से कोई उचित प्रस्ताव ना मिलने की स्थिति में Bank बैंक() 1 अप्रैल 2020 से अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) पर जायंगे।

काम का दबाव और 11th bipartite settlement (वेतन समझौते )में देरी वजह
जब से मोदी सरकार सत्ता में आयी है, बैंको को वो सब काम दे दिए गए हैं जिनका बैंको से कुछ लेना देना नहीं है. जैसे आधार केंद्र। इसके साथ ही सरकार ने अपनी योजनाओं को सफल बनाने के लिए Bank (बैंक) कर्मियो पर अत्यधिक दबाव डाला। जिससे बैंको की भूमिका सरकारी योजनाओं के लिए आकड़े जुटाने वाली एजेंसी जैसी हो गयी. कहीं कहीं तो दबाव में Bank (बैंक) कर्मियों ने आम खाता-धारकों को आधी-अधूरी जानकारी देकर सरकारी योजनायें दीं. DBT के अत्यधिक प्रयोग की वजह से Bank (बैंक) कर्मी पर पहले ही काम का काफी बोझ बढ़ गया था. ऊपर से आधार- केंद्र और सरकारी योजनाओं की जिम्मेदारी भी सर पर आने की वजह से  Bank (बैंक) कर्मी काफी प्रेशर में आ गए. अधिकतर Bank (बैंक) कर्मी आज मानसिक दबाव में हैं.
वेतन कटवाकर करेंगे हड़ताल
बैंक ( bank ) कर्मी हड़ताल ( strike ) के लिए कितने मज़बूर हैं, की वो हड़ताल (strike) की वजह से कटने वाली दो दिन सैलरी से परेशान नहीं हैं. बल्कि इस बात से खुश हैं की UFBU ने इस बार स्ट्राइक की कॉल को वापस नहीं लिया। बैंक कर्मी अब हर हाल में तत्काल 5 DAY BANKING और वेतन समझौते में सम्मानजनक बृद्धि चाहतें हैं. और अगर इसके लिए उन्हें अपना वेतन कटवाकर भी स्ट्राइक करना पड़े उन्हें वह भी मंजूर है. आपको बता दें, बैंक कर्मी जब भी हड़ताल पर जाते हैं तो उन्हें NO WORK- NO PAY के अनुसार उतने दिनों का वेतन भी नहीं दिया जाता है. इसलिए अगर देश के एक आम बैंकर स्ट्राइक पर जाने के लिए अपनी यूनियन पर दबाव बनाने लगे तो आम लोगो को समझ लेना चाहिए की देश के 10 लाख बैंकरों की जरूर कोई बड़ी समस्या है.

1064
Previous
Next Post »