क्या जानबुझ कर गया डुबोया गया YES BANK?? कौन हैं YES BANK को डुबोने वाले राना कपूर?
पहले IDBI BANK, PMC BANK और अब YES BANK, क्या सच में देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भारतीय बैंकिंग
सेक्टर पर अब खतरे के बादल मडराने लगे हैं? PMC BANK या YES BANK या अन्य कोई भी सरकारी कंपनी खुद नहीं डूबी है,
बल्कि सरकार की गलत
नीतियों ने उन्हें डुबोया है. देश का सोशल मीडिया लगातार इस पर चर्चा कर रहा है.
और हमेशा की तरह दो खेमो में बंटा हुआ है.
कुछ लोगो का कहना है की यह सब पिछली सरकार की गलतियों के कारण हो
रहा है, जबकि
दूसरा इस सब के लिए वर्तमान मोदी सरकार को जिम्मेदार मानता है. तो आखिर असल में
जिम्मेदार है कौन..?
15 साल
पहले बना था YES BANK
आज से लगभग 15 साल पहले 21 जनवरी 2004 को शुरू हुआ YES BANK ( यस बैंक ) आज इस हालत
में कैसे पहुंच गया. की आज उसके सामने खुद को बचाने और ग्राहकों के जमा पैसे लौटने
का भी संकट खड़ा गया है. ऐसा भी नहीं की YES BANK ( यस बैंक ) डूबने से
सिर्फ ग्राहकों को ही दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है.बल्कि देशभर में लगभग 1100 शाखाओं पर काम करने वाले YES BANK ( यस बैंक )
के 21000
कर्मचारियों पर भी संकट के बादल मंडरा रहें हैं. ऐसा भी नहीं है,
की YES BANK ( यस बैंक ) की यह हालत
अचानक से हो गयी है. अलग अलग माध्यमों से लगातार काफी समय से YES BANK ( यस बैंक ) के खस्ताहाल
होने की ख़बरें आ रहीं थी. लेकिन सायद सरकार और RESERVE BANK OF INDIA (RBI) भी YES BANK ( यस बैंक ) पर आने वाले
खतरें को भाप ना सकी. RESERVE BANK OF INDIA (RBI) और सरकार लगातार YES BANK ( यस बैंक ) के प्रबंधन
पर भरोसा कर दखल देने से बचते रहे.
लेकिन फिर अचानक गुरूवार को RESERVE BANK OF INDIA (RBI) का एक सर्कुलर आता है, और YES BANK ( यस बैंक ) के बोर्ड को
भंग करके RESERVE BANK OF INDIA (RBI) उसे स्वतंत्र प्रशासक के सुपुर्द कर देता है. इसके साथ ही YES BANK ( यस बैंक ) के ग्राहकों पर एक सीमा से अधिक पैसे निकालने पर रोक लगा देता
है. केंद्र सरकार ने अगले आदेश तक ग्राहकों द्वारा 50000 से अधिक की कैश निकासी पर रोक लगा दी है. यहाँ तक की
मेडिकल इमरजेंसी, उच्च शिक्षा या शादी की स्थिति में भी यह सीमा 5 लाख रूपए तय कर दी है.
कैसे
बना और बर्बाद हुआ YES BANK
साल 2004 में RANA KAPOOR (राना कपूर ) ने अपने एक रिश्तेदार अशोक कपूर के साथ इस बैंक की शुरुआत की
थी. लेकिन साल 2008 में हुए मुंबई हमलो में अशोक कपूर की मृत्यु हो गयी. जिसके
बाद अशोक कपूर की पत्नी मधु कपूर और RANA
KAPOOR (राना कपूर ) के बीच बैंक के मालिकाना हक़ को लेकर विवाद शुरू
हो गया. मधु कपूर अपनी एक बेटी को बैंक के बोर्ड में वतौर डायरेक्टर शामिल करना
चाहती थी. लेकिन बोर्ड के अन्य मेंबर और RANA KAPOOR (राना
कपूर ) इस बात के लिए तैयार नहीं थे. मामला कोर्ट में गया और सालो तक कोर्ट में यह
लड़ाई चलती रही. आख़िरकार जीत मिली RANA KAPOOR (राना कपूर )
को. साल 2018 में एक बार फिर RESERVE BANK OF INDIA (RBI) ने RANA KAPOOR (राना कपूर ) को बैंक का MD और CEO नियुक्त कर दिया।
डूबने
की बजह अत्यधिक जोखिम
यह बैंक के बारे में देश के कॉर्पोरेट सेक्टर में यह चर्चा
आम थी की अगर कहीं से लोन न मिला तो YES BANK ( यस बैंक ) से तो मिल
ही जाएगा। RANA KAPOOR (राना कपूर ) ने बैंक को 2018 तक सही से चलाया। और डूबने से पहले YES BANK ( यस बैंक ) के अच्छी सफलता का सफर तय किया। RANA KAPOOR (राना कपूर ) के बारें में कहा जाता है,
की वो बैंक के बिज़नेस के लिए काफी गंभीर और आक्रामक रहते थे. यहाँ तक की
बैंकिंग सेक्टर में RANA KAPOOR (राना कपूर ) की मिशाल दी जाती थी. और RANA KAPOOR (राना
कपूर ) ने कई मौको पर खुद को साबित भी किया है. जब देश के सरकारी बैंको का हज़ारो
करोड़ किंगफिशर एयरलाइन में डूब रहा था, तब RANA KAPOOR (राना कपूर ) बड़ी ही सटीक रणनीति के साथ YES BANK ( यस बैंक ) का सारा
पैसा निकालने में कामयाब रहे थे.
मोदी
सरकार की नीतियों के बड़े समर्थक है, RANA
KAPOOR
RANA KAPOOR (राना कपूर ) मोदी सरकार की
नीतियों के बड़े समर्थक रहें हैं. YES BANK ( यस बैंक ) के डूबने की
शुरुआत असल में कब हुई इस बारे में एकदम सटीक बता पाना सायद संभव नहीं है. लेकिन
जब जनवरी 2019 में RESERVE BANK OF INDIA (RBI) ने RANA KAPOOR (राना कपूर ) को YES BANK (
यस बैंक ) के MD और CEO के पद से हटा दिया तब से YES BANK ( यस बैंक )
के बारें में एक एक करके बुरी ख़बरें आने लगीं। वित्तीय वर्ष 2018-
19 में YES BANK ( यस बैंक ) को रिकॉर्ड 1500 करोड़ का नुकसान हुआ.
क्या
जान बुझ कर डुबोया गया YES BANK
RANA KAPOOR (राना कपूर ) YES BANK ( यस बैंक ) की हालत से
अच्छी तरह बाक़िफ़ थे. सायद उन्होंने जान बुझ कर YES BANK ( यस बैंक ) को संकट से
निकालने के लिए कोई स्थायी प्रयास नहीं किए. RANA KAPOOR (राना
कपूर ) और उनके रिश्तेदार बैंक से अपना पैसा निकालने लगे. अक्टूबर 2019 में RANA KAPOOR (राना कपूर ) और उनके रिश्तेदारों की बैंक के हिस्सेदारी महज 4.75 फीसदी बची थी. तमाम क्रेडिट एजेंसियो ने YES BANK ( यस बैंक ) की क्रेडिट रेटिंग को नेगेटिव कर दिया। जिससे YES BANK ( यस बैंक ) के लिए ओपन
मार्किट से पैसा जुटाना मुश्किल हो गया. बैंक ने अपने बॉन्ड बेचकर पैसे जुटाने की
कोशिश की. लेकिन बैंक उतना पैसा नहीं जुटा सका जितने की उसे जरुरत थी. पटरी से
उतरा YES BANK ( यस
बैंक ) वापस पटरी पर कब तक आएगा या कभी नहीं आएगा इस बारे में फ़िलहाल न तो सरकार
के पास कोई जबाब है, और न ही RESERVE BANK
OF INDIA (RBI) के पास.
SBI और LIC आखिरी
उम्मीद
YES BANK ( यस बैंक ) को उबारने के लिए सरकार ने SBI
और LIC के पैसे से उबारने का प्लान बनाया है. लेकिन दोनों ही सरकारी कंपनियों का हाल किसी से छुपा नहीं। ऐसे
में खुद मझदार में फंसी यह दोनों सरकारी कंपनियां YES BANK ( यस बैंक )
को वापस पटरी पर ला पाती हैं या नहीं यह तो देखने वाली बात होगी। फिलहाल YES BANK ( यस बैंक ) और PMC
बैंक का हाल देखकर आम ग्राहकों में बैंको को लेकर शक जरूर
पैदा हो गया. और अबतक बैंको पर अटूट भरोसा करने वाले ग्राहकों का भरोसा भी अब
बैंको से उठने लगा है. जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है.
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