बैंक खोलेंगे 15000 नई
बैंक शाखाएं (Govts asks bank to open 15000 new branches)
21वीं सदी में भी अब तक बैंकिंग
(Banking) से दूर भारत की एक बड़ी आबादी को बैंकिंग (Banking) सेवाओं से जोड़ने के लिए सरकार अगले वित्त वर्ष में 15000 नयी शाखाएं (Branches) खोलने जा रही है. यह सभी बैंक
(Bank) शाखाएं (Branches) देश के ऐसे
रिमोट क्षेत्रों में खोली जाएंगी, जो क्षेत्र अबतक बैंकिंग (Banking) सेवाओं से बंचित हैं. और इसीलिए सरकार ने देश के सभी सरकारी बैंको व
प्राइवेट बैंको को 15000 नई बैंक (Bank) शाखायें खोलने के लिए कहा है। यह शाखायें देश के ग्रामीण क्षेत्रों मे
खुलेंगीं। सरकार ने बकायदा उन जगहों की लिस्ट भी बैंको को सौपी है जिन जगहों पर
ब्रांच खोलने की जरूरत है।
वित्त मंत्रालय ने दिया
आदेश
एक प्रतिष्ठित अखबार की खबर के
अनुसार वित्त मंत्रालय की ओर से बैंक (Bank) ऑफ़ बड़ौदा
(Bank of Baroda), स्टेट बैंक (Bank) ऑफ़
इंडिया (State Bank of India ), HDFC Bank और ICICI Bank
को इस सम्बन्ध में दिशानिर्देश दिए जा चुके हैं. सरकार ने बैंको को
दिए दिशानिर्देश में अगले वित्त वर्ष में इन सभी बैंको को अगले वित्त वर्ष में 15000
शाखाएं (Branches) खोलने को कहा है. यह सभी
शाखाएं (Branches) देश के ग्रामीण इलाकों में
खोली जायेंगी। जो अबतक बैंकिंग (Banking) सेवाओं से बंचित हैं.
हर 15 किलोमीटर
के दायरे में होगी ब्रांच (Branch)
वित्त मंत्रालय के
दिशानिर्देशों के मुताबिक नई शाखाएं (Branches) ऐसे गांव के 15
किलोमीटर के दायरे में खोली जाएँगी। जो गॉव अभी तक बैंक (Bank) से बंचित हैं. जाहिर है इससे लोगो को बैंकिंग (Banking) सुविधाओं से जोड़ने में मदद मिलेगी। और सरकार के फाइनेंसियल इन्क्लूजन
(Financial Inclusion) के टारगेट हासिल करने में मदद मिलेगी।
कौन सी बैंक (Bank) कितनी
शाखाएं (Branches) खोलेगी
सरकार
ने यह भी तय कर दिया है, की कौन सी बैंक (Bank) को कितनी ब्रांच खोलनी होंगी। जहाँ सरकारी बैंको को तुलनात्मक रूप से बड़े
टारगेट दिए गए हैं. वही प्राइवेट बैंको को तुलनात्मक रूप से थोड़े छोटे टारगेट दिए
गए हैं. SBI (State Bank Of India ) को जहाँ 1500 शाखांए (Branches) खोलने को कहा गया है. वही HDFC
और ICICI बैंक (Bank) को
700-700 शाखाएं (Branches) खोलने को
कहा गया है.
देश में कुल कितनी शाखाएं ( no of bank branches in
india )
RBI (RESERVE BANK OF INDIA) के
आकड़ों के मुताबिक देश में मार्च 2019 तक देश में कुल 1,20,000
बैंक शाखाये (Bank Branches) काम कर रही थी.
जिनमें से लगभग 36000 शाखाएं (Branches) देश के ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहीं हैं. अगर इनमे ग्रामीण बैंको की भी लगभग 16000 शाखाओं को
भी जोड़ दिया जाए तो यह संख्या लगभग 52000 हो जाती है. जो कुल
शाखाओ का लगभग 43% है. अगर इसकी तुलना देश की जनसंख्या के
आकड़ो से की जाए तो 2011 की जनगंणना के मुताबिक आज भी देश की 70 फीसदी
जनसख्या गॉव में रहती है. सरकार अब इसी गैप को ग्रामीण क्षेत्रो में और शाखाये
खोलकर सुधारना चाहती है.
दरअसल
बैंक (Bank) प्रॉफिट के आधार पर काम करते हैं. जहाँ उनको अधिक प्रॉफिट होगा बैंक (Bank) उसी जगह अपनी ब्रांच खोलेंगे। रिपोर्ट के अनुसार जहाँ शहरी क्षेत्र की
किसी शाखा को प्रॉफिट में आने में सिर्फ 2 साल लगते हैं. वही
ग्रामीण क्षेत्र की किसी शाखा को प्रॉफिट में आने में 4 से 5
साल लग जातें हैं. इसीलिए
अगर सरकार बैंको को ग्रामीण क्षेत्र में ब्रांच खोलने के लिए ना कहे तो सायद ही
कोई भी बैंक (Bank) अपनी कोई शाखा ग्रामीण क्षेत्र में खोले।
और
अगर 1979
और 1980 में बैंको का राष्ट्रीयकरण (nationalization
of banks) ना किया गया होता तो सायद देश के बैंकिंग (Banking) सेक्टर की सूरत आज एकदम अलग होती। जिसमे सायद गरीब के लिए आज भी बैंकिंग
(Banking) सेवाएं हासिल करना मुश्किल होता।
RBI (RESERVE BANK OF
INDIA) ने दिया था मिनी बैंक (Bank) का
प्रस्ताव
दरअसल
RBI
(RESERVE BANK OF INDIA) ने पिछले कुछ सालो में बैंको को ऐसे इलाको
के लिए मिनी बैंक (Bank) का प्रस्ताव दिया था. यह बैंक (Bank) दिन में सिर्फ 4 घंटे ही खुलते हैं. और इनके खुलने
के दिन भी कम होते हैं. जिससे बैंको को इन्हे चलाने के खर्चे में कमी की जा सके.
और ग्रामीण क्षेत्र के लोगो को भी आसानी से बैंकिंग (Banking) सुविधाएं मिल सके.
देश में कुल कितने ATM (no of atms in india)
मार्च
2019
तक देश में कुल एटीएम ( ATM ) की संख्या 2
लाख थी. मार्च 2019 तक भिविन्न बैंको ने लगभग 40
हज़ार एटीएम ( ATM ) को बंद कर दिया। इनमे नॉन बैंकिंग
(Banking) कंपनियों के लगभग 15000 एटीएम
( ATM ) भी शामिल हैं. जी जिन्हे आम भाषा में वाइट लेवल एटीएम
( ATM ) कहा जाता है. बैंको के मर्जर और एटीएम ( ATM
) की हाई ऑपरेटिंग कॉस्ट की वजह से बैंक (Bank) एटीएम ( ATM ) की संख्या को और कम करेगीं।
कहाँ, कब और
किसने खोला देश का पहला एटीएम (first atm in india)
आप
रोज मर्रा की ज़िदगी में अक्सर पैसे निकालने के लिए एटीएम ( ATM
) जाते होंगे। क्या आपने कभी सोचा देश में पहला एटीएम ( ATM ) किसने, कब
और कहाँ लगाया था. अगर आपने अबतक यह नहीं सोचा अब सोच लीजिये और जान भी लीजिये
आपको जानकर हैरानी होगी की इस समय देश में लगभग 40 सरकारी और
प्राइवेट बैंक (Bank) काम कर रहें हैं. लेकिन देश का पहला एटीएम
( ATM ) किसी भारतीय बैंक (Bank) ने
नहीं, बल्कि एक विदेशी बैंक (Bank) ने
लगाया था. देश का पहला एटीएम ( ATM ) HSBC ने लगाया था. HongKong and Shanghai
Banking Corporation (HSBC) एक चीनी बैंक (Bank) है. जिसने देश में पहला एटीएम ( ATM ) लगाया था. HSBC
ने यह एटीएम ( ATM ) 1987 में मुंबई में लगाया था.
आपको
बता दें,
दुनिआ का पहला एटीएम ( ATM ) भारत में एटीएम (
ATM ) की शुरुआत से काफी पहले ही 27 जून
1967 को इंग्लैंड में लगा था. जिसे लगाने का श्रेय बार्कलेज बैंक
(Bank) को जाता है. एटीएम ( ATM ) का
अविष्कार स्कॉटलैंड निवासी जान शेफर्ड बैरन ने किया था.
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