Covid-19-ग्रामीण बैंक (RRB) कर्मियों को जीवन सुरक्षा बीमा के लिए NFRRBE ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र


Covid-19-ग्रामीण बैंक (RRB) कर्मियों को जीवन सुरक्षा बीमा के लिए NFRRBE ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

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Indianpsubank:- कोविड19 के दौरान विषम परिस्थितियों में काम करने वाले बैंकर्स की तरफ से बीमा (Insurance) की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। सरकार ने covid 19 के दौरान काम कर रहे अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए बीमा (Insurance) का ऐलान किया है। लेकिन सरकार बैंक (Bank) कर्मियों को भूल गई। इसी बात को लेकर देश के बैंकर्स काफी रोष में है। और वो अपने संगठनों के जरिए इस बात को उठा रहें हैं। लेकिन अब तक कोई सकारात्मक रिजल्ट नही मिले हैं। ऐसे समय में जब देश कोरोना संकट से जूझ रहा है। बैंक कर्मी अपनी जान की परवाह ना करते हुए देश सेवा में लगे हैं। सरकार को यह भी समझना चाहिए कि जो बैंक कर्मी इस समय देश सेवा कर रहें हैं। खुद उनकी जान को भी काफी जोखिम हैं। संक्रमण का खतरा उन पर सबसे ज्यादा है।

NFRRBE ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

ग्रामीण बैंको के सबसे बड़े संगठन National Federation of Regional Rural Bank Employees (NFRRBE) के महासचिव शिव करन द्विवेदी (Shiv Karan Dwivedi) ने बताया, की उन्होंने ग्रामीण बैंको (RRBs) की समस्याओं से अबगत कराने के लिए एक पत्र प्रधानमंत्री को लिखा हैं. जिसमे उन्होंने 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की 23 हजार शाखाओं में काम करने वाले  एक लाख से अधिक अधिकारी और कर्मचारी 30 हजार से अधिक संख्या में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी स्टाफ तथा दो लाख से अधिक बैंकिग सुबिधा केंद्रों को संचालित कर रहे कर्मचारियों की तरफ आकृष्ट कराते हुए सरकार से निम्न मांगे रखीं हैं.

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1. ग्रामीण बैंकों के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अन्य केन्द्रीय कर्मियों की भांति जीवन सुरक्षा बीमा योजना से आच्छादित किया जाय।
2. उच्च कोटि से अद्यतन मास्क और सेनिटाइजर सामग्री, दास्ताने आदि ग्रामीण बैंको में भी उपलब्ध कराएं जाएँ।
3. सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा अपने कार्मिकों की इस दौरान की जाने वाली सभी रियायते,लाभ और सुबिधाएं समान रूप से ग्रामीण बैंको में भी लागू की जांय।
4. ग्रामीण बैंको में  कार्यरत सभी अस्थायी कर्मचारियों को  भी बीमा कबरेज और अन्य लाभ स्थायी कर्मचारियों की भांति प्रदान किये जांय।
5. ग्रामीण बैंकिग सुबिधा केन्द्रो के संचालकों को भी बीमा कबरेज दिलाया जाय तथा सुरक्षा से जुड़े आइटम उन्हे भी बैंकों द्वारा प्रदान किया जाय।
6. सभी ग्रामीण बैंको में एक माह का अग्रिम वेतन अन्य बैंको की भांति प्रदान किया जाय।
7.शाखाओं  पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करायी जाय जिससे सोशल डिस्टन्सिंग  का पालन करते हुए सेवाएं प्रदान की जा सकें।

बिना संसाधनों के काम का कर रहे कर्मचारी।

 नवगठित बड़ौदा उत्तर प्रदेश बैंक (Bank) एम्प्लाइज यूनियन (BUPBEU) के महामंत्री Ram Krishna Pandey ने कहा है, की बैंक कर्मी काफी कम  संसाधनों के साथ काम का रहें हैं. ऐसे में उनके सामने खुद सुरक्षित रहकर काम करना मुश्किल हो रहा है.  ग्रामीण बैंको में तो यह स्थिति और ज्यादा ख़राब है. शहरों में उच्च संसाधनों के साथ काम करने वाले इन ग्रामीण बैंको (Gramin Banks) की प्रायोजक बैंको (Sponsors Bank) ने भी अपनी ही ग्रामीण बैंको (Gramin Banks) के साथ सौतेला व्यवहार किया है. कई प्रायोजक बैंको (Sponsors Bank)  ने अपने यहाँ लॉकडाउन के कारण होने वाले अतिरिक्त खर्चे की प्रतिपूर्ति दैनिक आधार पर की है. लेकिन उन्हीं बैंको ने अपनी ही ग्रामीण बैंको (RRBs)में काम करने वाले कर्मचारियों को ऐसी सुविधाओं से वंचित रखा है. जबकि ग्रामीण बैंको (RRBs) की भौगोलिक स्थिति अपेक्षाकृत ज्यादा ख़राब है. ग्रामीण बैंको में संसाधनों की कमी को देखते हुए RBI, नाबार्ड और बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाएं, वित्त मंत्रालय भारत सरकार को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है. और इस सम्बन्ध में नाबार्ड द्वारा सभी ग्रामीण बैंको (RRBs) के प्रबंधन के लिए स्पष्ट दिशा- निर्देश जारी किये जाने की आवश्यकता है.

निरस्त छुट्टी के लिए मिले ओवरटाइम
नवगठित बड़ौदा उत्तर प्रदेश बैंक (Bank) एम्प्लाइज यूनियन (BUPBEU) के कार्यकारी महामंत्री रोहित गंगवार (Rohit Gangwar) ने कहा, की बैंकर शुरू से सरकार की हर योजना को रुट लेवल पर लागू करने में हमेशा से अग्रणी भूमिका निभाता रहा है. प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बिमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री सुरक्षा बिमा योजना (PMSBY), अटल पेंशन योजना (APY), मुद्रा योजना (MUDRA YOJNA) इसके बाद नोटबंदी (Notebandi) में बैंक (Bank) कर्मियों की भूमिका को खुद प्रधानमंत्री जी और देश की तमाम मीडिया ने सराहा है. मौजूदा संकट में भी बैंक कर्मियों की भूमिका की तारीफ खुद प्रधानमंत्री जी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में की है. ऐसे में बैंक (Bank) कर्मियों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए उनकी निरस्त किये गए अवकाशों के लिए ओवरटाइम  का भुकतान या अतिरिक्त अवकाश सृजित किया जाना चाहिए। इस सम्बन्ध में हमारी यूनियन पहले ही माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र लिख चुकी है.

बैंक (Bank) कर्मियों का हो मेडिकल टेस्ट
नवगठित बड़ौदा उत्तर प्रदेश बैंक (Bank) एम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष राहुल प्रताप सिंह (Rahul Pratap Singh) ने कहा, सरकारी आकडो के अनुसार एक संक्रमित व्यक्ति 30 दिनों में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है. लेकिन बैंक कर्मियों के लिए आँकड़े और ज्यादा हो सकतें हैं. क्योंकि एक बैंक कर्मी एक दिन में काफी लोगो के संपर्क में आता है. बैंक (Bank) कर्मी अपने काम के दौरान रोजाना सैकड़ो लोगो के संपर्क में आ रहे हैं. ऐसे में अगर कोई संक्रमित ग्राहक शाखा में आ जाता है, या नोटों के जरिये कोई बैंक (Bank) कर्मी इस महामारी की चपेट में आ जाता है.   तो यह एक ही दिन में काफी लोगों को संक्रमित कर सकता है. चुकि शुरूआती 4 दिनों तक इस वायरस के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं. इसलिए यह काफी गंभीर विषय हो जाता है. सरकार को सभी बैंक (Bank) कर्मियों के नियमित मेडिकल टेस्ट के बारे में जरूरी दिशानिर्देश देने चाहिए। जिससे इस महामारी को फैलने से रोका जा सके.


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