1969-First Phase of Nationalization Of Banks in India (भारतीय बैंको के राष्ट्रीयकरण का पहला चरण, कब और क्यों?)

1969-First Phase of  Nationalization Of Banks in India.

भारतीय बैंको के राष्ट्रीयकरण का पहला चरण, कब और क्यों?

अगर सरकारी बैंक न होते तो क्या तत्कालीन सरकार की जनकल्याण की तमाम योजनाए जन-धन योजना, जीवन ज्योति, सुरक्षा बीमा, मुद्रा जैसी योजनाएं कभी सफल हो पाती?? जिस Direct Benefit Transfer पर सरकारें इतराती है। वो भी सरकारी बैंको के बिना कभी संभव ना होता। कुल मिलाकर अटल बिहारी सरकार से लेकर मोदी सरकार तक सभी सरकारो ने सरकारी बैंको का अपना राजनैतिक हित साधने के लिए भरपूर इस्तेमाल किया है। लेकिन सरकारी बैंको को कभी उनका सम्मान नहीं दिया।

Subscribe Our Youtube Channel - Bankwala

https://www.youtube.com/channel/UChewZpFpWuAHaexCe0V9uTQ

-Rohit Gangwar

भारत में बैंकिंग का इतिहास साल 1770 में Bank of Hindustan” की शरुआत से शुरू होता है. लेकिन आज़ादी के 22 साल यानी साल 1969 तक देश में सिर्फ एक सरकारी बैंक काम कर रहा था. जो स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (State Bank Of India)1955 में तत्कालीन नेहरू सरकार ने किया था. लेकिन साल 1955 में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (State Bank Of India)80% निजी क्षेत्र की इन 14 बैंको के पास थी. हालात यह थे की कोई गरीब इन Banks

बैंको के राष्ट्रीयकरण की पृष्ठ्भूमि

Circumstances For Nationalization of Banks?

1967

1- लोकप्रिय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु।

2- कांग्रेस का बिघटन

3- इंदिरा गाँधी (Indira Gandhi)

4- सूत्रीय कार्यक्रम की घोषणा

1969-first-phase-of-nationalization-of-banks-in-india-benefits-of-nationalization-of-banks

इस साल भारत के तत्कालीन लोकप्रिय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शाष्त्री (लाल बहादुर श्रीवास्तव) का निधन उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में अज्ञात कारणों से हुआ. 26 जनवरी 1965 को लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri)50 साल की उम्र में इंदिरा गाँधी (Indira Gandhi) का पद संभाला। तब उन्हें कांग्रेस की गूँगी गुड़िया कहा जाता था। उस समय कांग्रेस में बामपंथियों की एक खास लॉबी हुआ करती थी जो काफी ताकतवर थी. यह लॉबी इंदिरा गाँधी (Indira Gandhi), वो इंदिरा की कांग्रेस है. जिसे उस समय कांग्रेस-आई के नाम से जाना जाता था. खैर आज हमारा यह टॉपिक नही है। इसलिए हम इससे ज्यादा बात इसपर नही कर रहें हैं।

1969

देश के आर्थिक हालात और इंदिरा गाँधी

Economic conditions of the country and Indira Gandhi

1- Banking Companies (Acquisition and Transfer of Undertakings) Ordinance 1969.

2- 19 July 1969 -14 निजी बैंको का राष्ट्रीयकरण.

3- 9 August 1969 - Ordinance Replaced by Banking Companies (Acquisition and Transfer of Undertaking) Bill 1969.

जब साल 1967 में इंदिरा गाँधी (Indira Gandhi), तब देश तमाम तरह की आर्थिक समस्याओ से जूझ रहा था. एक तरफ इंदिरा गाँधी (Indira Gandhi), जहाँ मुनाफे (Profit) उधर इंदिरा गाँधी (Indira Gandhi)1967 में ही Indira Gandhi10 सूत्रीय कार्यक्रम (10 Point Programme Indira Gandhi)

1. बैंको पर सरकार का नियंत्रण

2. राजा-महाराजाओं को मिलने वाली पेंशन को बंद करना। जिसे दुनिया पीवी पर्स के

3.न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण करना।

4. आधारभूत संरचना का विकास।

5. कृषि, लघु उधोग व निर्यात में निवेश।

इसके बाद 19 जुलाई 1969 में Indira Gandhi14 सबसे बड़े बैंको के राष्ट्रीयकरण (14 Largest Banks Nationalization) का अध्यादेश जारी कर दिया। इन 14 बैंको में सभी बैंक शामिल थे जिनके पास 50 करोड से ज्यादा की राशि जमा थी। इस अध्यादेश का नाम था, "Banking Companies (Acquisition and Transfer of Undertakings) Ordinance 1969" था। बाद में 9 August 1969 ordinance की जगह Banking Companies (Acquisition and Transfer of Undertaking) Bill ने ले ली. और यह कानून बन गया.

14 बैंको के नाम

Names of 14 banks

1969-first-phase-of-nationalization-of-banks-in-india-benefits-of-nationalization-of-banks

  1. Allahabad Bank
  2. Bank of Baroda
  3. Bank of India
  4. Bank of Maharashtra
  5. Central Bank of India
  6. Canara Bank
  7. Dena Bank
  8. Indian Bank
  9. Indian Overseas Bank
  10. Punjab National Bank
  11. Syndicate Bank
  12. UCO Bank
  13. Union Bank
  14. United Bank of India

 

बैंको के राष्ट्रीयकरण का मूल उदेश्य.?

Purpose of Nationalization Of Banks?

1- अमीरों को मिलने वाली Class Banking

2- देश की 70% ग्रामीण आबादी को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ना।

3- प्राथमिकता वाले क्षेत्रों (PSL) को पर्याप्त पूँजी उपलब्ध करवाना।

4- आमजन को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना।

5-बैंको के नेटवर्क को देश के दूर- दराज के इलाकों में फैलाना।

6- .

1969 तक देश के Bank19 जुलाई 1969 को निजी क्षेत्र के 14 सबसे बड़े बैंको का राष्ट्रीयकरण (Nationalization Of Banks) जिसके बाद बैंक देश के दूर दराज के इलाकों में फैलने लगे। और इन बैंको द्वारा की जाने वाली Class Banking, Mass Banking में बदलने लगी। Indira Gandhi

इसके अलाबा Indira Gandhi , लघु व मध्यम उधोगों, छोटे व्यापारियों को सरल शर्तों पर वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराएं, व आमजन को बैंकिंग सेवाओं से जोड़े।

एक अन्य कारण बैंको (Banks)

बैंको के राष्ट्रीयकरण के नतीजे।

Results of Nationalization Of Banks.

भारतीय बैंकिंग सेक्टर (Indian Banking Sector)Commercial Banks)के राष्ट्रीयकरण (Nationalization Of Banks) की घटना Banking SectorNationalization के साथ ही भारत के सामाजिक व आर्थिक विकास के एक नए सफर की शुरुआत हुईNationalization) के बाद देश भारतीय बैंक (Indian Banks), शोषित, वंचित तबकों के सामाजिक एवं आर्थिक पुनरुत्थान का प्रमुख माध्यम बने।

इन बैंको के राष्ट्रीयकरण (Nationalization Of Banks) के बाद भारत मे विकास के एक नए युग की शुरुआत हुई। जिसका क्रेडिट पूरी तरह से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी (Indira Gandhi)

बैंको के राष्ट्रीयकरण के प्रमुख लाभ

Benefits Of Nationalization Of Banks?

1. राष्ट्रीयकरण (Nationalization Of Banks) के कुछ एक सीमित क्षेत्रों में काम करने वाले बैंक देश के दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में फैलने लगे।

2.किसान, लघु उधोगों को वित्तीय सहायता मिलने का रास्ता खुला, जिससे इन उधोगों को फलने-फूलने के नए अवसर मिले।

3. लोन पोर्टफोलियो में कुल लोन के 40% को PSL (कृषि, लघु उधोग) के लिए आरक्षित किया गया। बैंको द्वारा दिये जाने वाले कुल लोन के 40% को कृषि क्षेत्र के लिए अनिवार्य कर दिया गया। व अन्य प्राथमिक उधोगों के लिये भी आसान लोन की व्यवस्था की गई।

4. बैंको का 1969 में देश के 8322 थी। जो 1994 आते आते 60 हज़ार के पार पहुँच गयी।

5.बैंको के राष्ट्रीयकरण (Nationalization Of Banks) से देश मे

कुल मिलाकर बैंको का राष्ट्रीयकरण (Nationalization Of Banks) भारत के आर्थिक इतिहास में एक क्रांतिकारी घटना हुई। Indira Gandhi)(Nationalization Of Banks) का फैसला ना लिया होता। तो सायद आज हम जिस रूप में भारत को देख पा रहें हैं वो कभी सम्भव ना था।

राजनीति और बैंको का राष्ट्रीयकरण?

Politics And Nationalization Of Banks?

1969-first-phase-of-nationalization-of-banks-in-india-benefits-of-nationalization-of-banks
राजनैतिक रूप से लोगो ने बैंको के नेटवर्क और मौजूदा स्वरूप का भरपूर इस्तेमाल किया है। लेकिन उन्होंने कभी इंदिरा गाँधी (Indira Gandhi)Nationalization Of Banks) ना किया होता तो आज भी देश के आम जन के लिए बैंकिंग सेवाएं पाना सम्भव नहीं होता। अगर सरकारी बैंक न होते तो क्या तत्कालीन सरकार की जनकल्याण की तमाम योजनाए जन-धन योजना, जीवन ज्योति, सुरक्षा बीमा, मुद्रा जैसी योजनाएं कभी सफल हो पाती?? जिस Direct Benifit Transfer योजना पर सरकारें इतराती है। वो भी बिना राष्ट्रीयकरण (Nationalization Of Banks) के कभी सम्भव ना हो पाती। कुल मिलाकर अटल बिहारी सरकार से लेकर मोदी सरकार तक सभी सरकारो ने बैंको का अपना राजनैतिक हित साधने के लिए भरपूर इस्तेमाल किया है। लेकिन पता नही क्यो, इन लोगों ने कभी इंदिरा गाँधी (Indira Gandhi)


Previous
Next Post »