4.5 अरब डॉलर कर्ज के साथ, भारत बीजिंग स्थित चीनी बैंक का सबसे बड़ा कर्जदार
2016 में चाइना ने खोला था, एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक। यह बैंक चाइना की राजधानी बीजिंग में स्थित है. 4.5 अरब डॉलर कर्ज के साथ भारत, बीजिंग स्थित इस चीनी बैंक का सबसे बड़ा कर्जदार है. बड़ी बात यह भी है की यह सारा कर्ज 2016 के बाद मोदी सरकार के कार्यकाल में लिया गया है. चीन से तनातनी और इस पर भारत सरकार के अबतक के रुख के बाद यह खबर काफी चौकाने वाली है.
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IndianPsuBank - 2016 में अपने लॉन्च के बाद बीजिंग स्थित एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर
इन्वेस्टमेंट बैंक के कुल उधार का 25% अकेले भारत के पास है. भारत 4.5 अरब डॉलर के उधार के साथ बीजिंग स्थित इस बैंक का सबसे बड़ा
कर्जदार होने वाला है. एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के कुल स्वीकृत
लोन का 25% अकेले भारत के पास है.
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को कहा कि चीन के नेतृत्व वाले Asian
Infrastructure Investment Bank (AIIB) ने अपने सदस्यों के लिए कोविद -19 सहायता कोष स्थापित करने का त्वरित कदम Multilateral Development
Bank’s (MDB) की
"शक्ति" का एक उदाहरण है। ।
शी ने कहा कि Asian Infrastructure Investment Bank
(AIIB), गठबंधन,
जिसमें भारत एक सह-संस्थापक है,
Covid 19 आपदा के बाद "तुरंत एक कोविद -19 संकट रिकवरी सुविधा (सीआरएफ) स्थापित करने के लिए एशियन
इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक ने बँधायी की पात्र है. यह रिकवरी सुविधा वायरस
के बाद सदस्य देशो को अपनी अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करने में अपने सदस्यों का
समर्थन करता है। यह एआईआईबी की कार्रवाई की शक्ति का एक विशिष्ट उदाहरण है।
चीनी राष्ट्रपति बीजिंग स्थित बैंक की पांचवीं वार्षिक बैठक में बोल रहे थे,
Asian Infrastructure Investment Bank (AIIB) को 2013 के अंत में उनके द्वारा प्रस्तावित किया गया था,
और जनवरी 2016 में लॉन्च किया गया था। इसका मुख्यालय बीजिंग में बनाया
गया. भारत इस बैंक का सह- संस्थापक देश है. इस बैंक को चीन द्वारा एशियन
डेवलोपमेन्ट बैंक का जबाब माना गया था.
Asian Infrastructure
Investment Bank (AIIB) चाइना की
राजधानी बीजिंग में स्थित है. 4.5 अरब डॉलर कर्ज के साथ भारत, बीजिंग स्थित इस चीनी बैंक का सबसे बड़ा कर्जदार है. बड़ी बात
यह भी है की यह सारा कर्ज 2016 के बाद मोदी सरकार के कार्यकाल में लिया गया है. चीन से
तनातनी और इस पर भारत सरकार के अबतक के रुख के बाद यह खबर काफी चौकाने वाली है.
एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट (AIIB) बैंक ने मई और जून में दो चरणों में कोविद -19 महामारी से लड़ने के लिए भारत को कुछ $
1.25 बिलियन का ऋण दिया है -
यहाँ तक की 17 जून को ग़लबा घाटी में LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर भीषण संघर्ष में भारत के 20 सैनिको की मृत्यु के बाद भी भारत 750 मिलियन डॉलर का दूसरा भाग मिला।
मोदी सरकार इस पर क्या रिएक्शन देती है यह भी देखने वाली बात होगी। खुद चीनी
राष्ट्रपति के द्वारा इसका जिक्र करना कहीं न कहीं भारत को आइना दिखाने जैसा है.
और आत्मनिर्भर भारत का परोक्ष रूप से अपमान है.