क्या होता है, RBI का PCA Framework.?? कोई बैंक कब आता है, PCA की श्रेणी में.. PCA Framework, PCA Framework Full Form, PCA Framework Of RBI, Prompt Corrective Action?

PCA Framework, PCA Framework Full Form, PCA Framework Of RBI, Prompt Corrective Action?

RBI PCA के जरिये बैंको की वित्तीय सेहत के पैमानें तय करता है. अगर कोई बैंक किसी बड़े वित्तीय संकट में  है. तब उन बैंको पर RBI (Reserve Bank Of India) का PCA Framework लागू हो जाता है. जिसमे बैंक पर भिविन्न तरह के प्रतिबन्ध लगा दिए जातें हैं. मसलन नए क़र्ज़ देने से रोक देना, नयी शाखाओं विस्तार पर रोक आदि।

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www.indianpsubank.in:- दोस्तो अगर आप बैंकिंग सेक्टर में हैं, या इकोनॉमी में आपका थोड़ा भी इंटरेस्ट है, तो आपने PCA (Prompt Corrective Action) के बारे में सुना होगा.. उर्जित पटेल से सरकार की तनातनी की एक वजह RBI का PCA Framework भी था। 

आज हम इस आर्टिकल में आपको PCA Framework के बारे में डिटेल में बतायेंगे। क्या होता है, PCA (Prompt Corrective Action?)..? कोई बैंक PCA (Prompt Corrective Action) की श्रेणी में कब आता है..? यह सब हम आपको इस आर्टिकल के जरिये बताने की कोशिश करेंगे। इसके बाद भी अगर आपका कोई कंफ्यूशन रह जाये, तो आप कमेंट करके हमसे पूँछ सकतें हैं। 

PCA का फुल फॉर्म

Full Form Of PCA?

PCA का फुल फॉर्म है – Prompt Corrective Action (त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई), भारत में पुरे बैंकिंग ढाँचे के शिखर पर RBI है. भारत में  RBI (Reserve Bank Of India) ही नयी बैंको को लाइसेंस भी देता है. इसके साथ ही बैंक सही से काम करें यह जिम्मेदारी भी RBI (Reserve Bank Of India)  ही निभाता है. इसीलिये RBI (Reserve Bank Of India) समय समय पर नए नियम व् पुराने नियमो में बदलाव भी करता है.  Prompt Corrective Action (PCA ) भी RBI का इसी तरह का एक Framework है. जिसके जरिये RBI PCA के जरिये बैंको की वित्तीय सेहत के पैमानें तय करता है. अगर कोई बैंक किसी बड़े वित्तीय संकट में  है. तब उन बैंको पर RBI (Reserve Bank Of India) का PCA Framework लागू हो जाता है. जिसमे बैंक पर भिविन्न तरह के प्रतिबन्ध लगा दिए जातें हैं. मसलन नए क़र्ज़ देने से रोक देना, नयी शाखाओं विस्तार पर रोक आदि।  

इस फ्रेमवर्क के तहत कौन-कौन से प्रतिबन्ध लगा सकता है, RBI?

What restrictions can be imposed under PCA Framework

अगर कोई बैंक PCA Framework के दायरें में आ जाये तो उस पर RBI द्वारा भिविन्न तरह के प्रतिबन्ध लगा दिए जातें हैं. जो की इस प्रकार हैं.

1- बैंक द्वारा नयी शाखाएं खोलने पर रोक

2- इन बैंको द्वारा नए लोन देने पर आंशिक या पूर्ण रूप से रोक. अथवा लोन देने से जुड़े     नियमों को और शख्त कर देना।

3- RBI इन बैंको के मर्जर, पुर्नगठन या इन्हें बंद करने की कार्यवाही भी कर सकता है

4-RBI इन बैंको के मैनेजमेंट के मुआवजे और निदेशकों की फीस पर प्रतिबन्ध लगा सकता। 

5- RBI इन बैंको के लाभांश भुकतान पर प्रतिबन्ध लगा सकता है

कोई बैंक कब आता है, PCA के दायरें में 

When a bank comes, PCA framework?

आरबीआइ (RBI) को जब लगता है कि किसी Bank के पास जोखिम का सामना करने को पर्याप्त पूंजी नहीं है, उधार दिए धन से आय नहीं हो रही और मुनाफा नहीं हो रहा है तो RBI उस Bank को ‘PCA’ में डाल देता है, ताकि उसकी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए जा सकें। कोई Bank कब इस स्थिति से गुजर रहा है, यह जानने को आरबीआइ ने कुछ इंडिकेटर्स तय किए हैं, जिनमें उतार-चढ़ाव से इसका पता चलता है।

Trigger Points Of Pca Framework?

CRAR, NPA और RETURN ON ASSETS. इन Parameters को Trigger Points कहा जाता है. अगर कोई बैंक इन ट्रिगर पॉइंट्स (TRIGGER POINTS) को क्रॉस कर देता है. तो वो स्वतः ही इस PCA Framework के दायरें में आ जाता है. 

1-CRAR Capital to Risk (Weighted) Assets Ratio 

वर्तमान में RBI ने इसको CRAR को 9% निर्धारित किया हुआ है. CRAR वह अनुपात है, जिसे बैंक किसी विपरीत परिस्थिति का सामना करने के लिए अपने पास रखता है. अगर किसी बैंक का CRAR रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित सीमा से नीचे चला जाता है. तो रिज़र्व बैंक उसको PCA में डाल सकता है. यह इस फ्रेमवर्क के तीन TRIGGER POINTS में पहला है

NPA Capital to Risk (Weighted) Assets

NPA Capital to Risk (Weighted) Assets, यानी ऐसे लोन जिन पर बैंक को कोई आमदनी ना हो रही हो, उसे NPA कहा जाता है. अगर लगातार 90 दिनों  तक किसी लोन में क़िस्त या व्याज के रूप में कोई धनराशि बैंक को प्राप्त ना हो तो उसे NPA यानि डूबा हुआ लोन  मान लिया जाता है. अगर किसी बैंक का NPA 10 प्रतिशत से  ऊपर चला जाता है. तो RBI उस बैंक को PCA में डाल सकता है. यह  फ्रेमवर्क के तहत दूसरा TRIGGER POINT है

RETURN ON ASSETS

PCA फ्रेमवर्क के तहत, यह तीसरा महत्वपूर्ण TRIGGER , "RETURN ON ASSETS" है. इससे यह पता चलता है, की बैंक ने जो धनराशि उधार दी है, या कहीं निवेश की है. उस पर उसे कितना रिटर्न मिल रहा है. अगर किसी बैंक का RETURN ON ASSETS लगातार दो साल तक नेगेटिव रहता है. तो RBI उस बैंक को PCA डाल सकता है

कब लागू हुआ, PCA Framework?

Prompt Corrective Action (PCA Framework ) भारत में 2002 से लागू है.  RBI समय-2 पर इसके नियमों में बदलाव करती रहती है। RBI द्वारा इस फ्रेमवर्क की अबतक दो बार समीक्षा की जा चुकी  है. 2002 के बाद 2014 में पहली बार RBI ने इस फ्रमवर्क के पैरामीटर्स (trigger points ) की समीक्षा की थीत्वरित सुधारात्मक कार्रवाई फ्रेमवर्क (PCA Framework) के वर्तमान उपबंध RBI ने 2017 में लागू किये थेअब प्रत्येक 3 साल में इसकी समीक्षा की जाती है

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1 comments:

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Unknown
admin
3 September 2021 at 15:53 ×

Thank you🙏💕 SO much

Congrats bro Unknown you got PERTAMAX...! hehehehe...
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