15 अगस्त को Bankers को मिल सकता है बड़ा तोहफा, PSU Banks को मिलेगा नवरत्न और महारत्न स्टेटस।
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक इस बार 15 अगस्त बैंकर्स (Bankers) के लिए ख़ुशी की
खबर ला सकता है, 15 अगस्त को
मोदी सरकार (Modi Sarkaar) द्वारा
बैंकर्स (Bankers) को बड़ा तोहफा मिल सकता है. सरकार, सरकारी बैंको (PSU Banks) को Maharatna (महारत्न), Navratna (नवरत्न), Miniratna (मिनी रत्न) का दर्जा देने का ऐलान कर सकती है. फ़िलहाल भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India-SBI), बैंक ऑफ़ बड़ौदा (Bank Of Baroda- BOB) , और पंजाब नेशनल बैंक(Punjab National Bank- PNB) को यह दर्जा दिया जा सकता है.
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www.indianpsubank.in: - जब से मोदी सरकार (Modi Sarkaar) सत्ता में आयी है, हर साल बैंकर्स (Bankers) 15 अगस्त से पहले डरे रहतें हैं. उनको डर रहता है की मोदी जी लाल किले से कोई ऐसा ऐलान ना कर दें. जिसका भार उनके कंधो पर आ जाए. प्रधानमंत्री मोदी अक्सर 15 अगस्त के दिन किसी न किसी बड़ी योजना का ऐलान करते आये हैं.
लेकिंन इस बार जो खबरे आ रही है,
उनके मुताबिक इस बार मोदी जी लाल किले से जो ऐलान करने वाले
हैं उसका बैंकर्स (Bankers) को फायदा मिल सकता है. दरअसल सरकार बैंको को अन्य PSU
की ही तरह Maharatna (महारत्न), Navratna (नवरत्न), Miniratna (मिनी रत्न) का दर्जा देने का ऐलान कर सकती है. हालाँकि
अभीतक सरकार की तरफ से इस बारे में को ऐलान नहीं हुआ है.
सीएनबीसी आवाज की खबर के आधार पर यह खबर मीडिया में
सुर्खिया बनी हुई है. लेकिन अगर ऐसा सच में होता है तो यह लम्बे समय से एक अच्छी
खबर का इन्तजार कर रहे बैंकिंग सेक्टर (Banking
Sector) के लिए एक अच्छी खबर हो सकती है.
बैंको को मिल सकती है काम करने की आज़ादी
अगर 15 अगस्त को यह खबर सही साबित होती है,
तो इससे सरकारी बैंको (PSU
Banks) में सरकार का दखल कम हो सकता है. और सरकारी बैंको (PSU
Banks) को भी अन्य सरकारी संस्थानों की ही तरह काम करने की आज़ादी
मिल सकती है. जो निश्चित ही बैंको के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. बैंक
कमर्चारियों को भी इसका फायदा मिल सकता है. बेहतर प्रदर्शन पर कर्मचारियों को बोनस
के रूप में बैंक के शेयर (ESOP) देने का प्रस्ताव भी है.
अब सरकारी कंपनियों की तरह ही सरकारी बैंको (PSU Banks) को भी कामकाज की आज़ादी मिलेगी।
बैंको के काम में सरकारी दखल काम होगा, बैंक बड़े व्यवसायिक फैसले खुद ले सकेंगे। आपको बता दें
कंपनियों के टर्नओवर, प्रॉफिट के आधार पर रत्न का दर्जा दिया जाता है.
क्या होता है, मिनीरत्न, नवरत्न, महारत्न
जब भारत आजाद हुआ था तब इसकी पहचान के कृषि प्रधान गरीब
देश की थी. नेहरू की अगुआई में साल 1951 में Industrial
Devlopment के लिए पहली बार सरकार
Industrial
(Development and Regulation) Act के रूप के एक पॉलिसी लेकर आयी. जवाहर लाल नेहरू शुरू से
ही Mixed Economy
की बकालत करते आये थे. Industrial
Policy Resolution 1956
और Second Five Year
Plan (1956–60) के जरिये देश के Public Sector Enterprises
की नींव रखी गयी. इसके बाद Dr. V.
Krishnamurthy द्वारा भी इस पालिसी
को ही आगे बढ़ाया गया. Dr. V. Krishnamurthy को ही , "Father of
Public sector undertakings in India" कहा जाता है. इसके बाद
Feldman–Mahalanobis Model
भी इन Public Sector Enterprises के
लिए वरदान साबित हुआ। साल 1969 में इंदिरा गाँधी द्वारा 14 प्राइवेट बैंको का राष्ट्रीयकरण और साल 1980 में एकबार फिर 6 बैंको का राष्ट्रीयकरण इसी नेहरू पॉलिसी का हिस्सा था. साल 1991 के Indian Economic Crisis तक भारत इसी मॉडल पर चलता रहा. साल 1991 के बाद इन सरकारी उपक्रमों में Disinvetment की शुरुआत हुई. और सरकारों के
लिए इन्हें बेचकर धन उगाना सबसे आसान तरीका हो गया.
1997 से नवरत्न की शुरुआत
साल 1997 में इंद्र कुमार गुजराल (Indra Kumar Gujral) की तत्कालीन सरकार ने 9
Public Sector Enterprises को
पहली बार नवरत्न का स्टेटस दिया। यह
9 कंपनिया बाकि कंपनियों से काफी बेहतर रिजल्ट दे रही थीं.
और सरकार इन्हें यह नवरत्न स्टेटस देकर काम करने की आज़ादी देना चाहती थी जिस यह
कम्पनिया आगे चलकर ग्लोबल दिग्गज के रूप में उभर सकें।
PSU
कंपनियों की कितनी कैटेगरी होती हैं?
PSU
कंपनियों की चार कैटेगरी होती हैं.
1-
Maharatna (महारत्न
2- Navratna
(नवरत्न)
3- Miniratna-1 (मिनी रत्न-1)
4- Miniratna-2
(मिनी रत्न-2)
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