Bank में लागू हो सकता है Grading System, 60% से कम अंक वाले होंगे बाहर
अबतक एक बार IBPS क्रैक
करने के बाद मिलने वाली बैंक (Bank) की नौकरी काफी सुरक्षित
मानी जाती रही है. लेकिन हाल ही में देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने 55 साल से ऊपर के सभी कर्मचारियों के काम की
समीक्षा का ऐलान किया है. जिसके बाद इसे पुरे बैंकिंग सेक्टर में इसे लागू करने को
लेकर चर्चाएं शुरू हो गयी हैं.
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www.indianpsubank.in - पिछले काफी समय से लगातार मीडिया
में इस तरह की खबरें आ रही थी की सरकार 55 साल से
ऊपर या 30 साल की सर्विस पूर्ण कर चुके कर्मचारियों के
कामकाज की समीक्षा करने जा रही है. कई विभागों में इससे
सम्बंधित नोटिफिकेशन भी जारी किये गए. कई विभागों को ऐसे कमर्चारियों की सूची
बनाने के आदेश भी मीडिया में देखे गए.
लेकिन
मौजूदा मामला देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
से जुड़ा है. जिसके बाद पुर बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) में इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. दरअसल देश का सबसे बड़ा
सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI), 55 साल से ऊपर
या 30 साल की सर्विस पूर्ण कर चुके अपने सभी कर्मचारियों के
कामकाज की समीक्षा कर रहा है. इस समीक्षा में
कर्मचारियों को अलग- अलग मानकों पर अंक दिए जायंगे। और इसमें जो कर्मचारी 60% अंक हासिल करेंगे। उन्ही की नौकरी आगे बच पाएगी। बाकि कर्मचारियों को
जबरदस्ती रिटायर कर दिया जाएगा। SBI के बाद देश के बाकि बैंक
भी इसी राह चलने की तैयारी में हैं.
2 और 3 साल का मिलेगा सेवा विस्तार
इस
समीक्षा में 60% अंक लाने वालो की ही
नौकरी बच पाएगी। 55 साल की उम्र या 30 साल की सर्विस पूर्ण कर चूका कोई
कर्मचारी यदि इस समीक्षा में 60% अंक हासिल कर पाता है तो
उसको पहली बार 3 साल का सेवा विस्तार मिलेगा। इसके बाद 58 साल की उम्र में एकबार फिर उन्हें ऐसी की समीक्षा से गुजरना पड़ेगा। और
यदि किस्मत से वो फिर से 60% अंक हासिल कर लेते हैं तो
उन्हें 2 साल का सेवा विस्तार और दिया जाएगा।
कुल
100 अंक की होगी समीक्षा
यह
समीक्षा कुल 100 अंको की होगी। जिसमे कम से कम 60 अंक लाने अनिवार्य होंगे यदि इससे कम अंक आये तो आपकी नौकरी जाना निश्चित
है. इस व्यवस्था में कर्मचारी के व्यवहार, अनुशासन, कर्मचारी की साख, नियमों
के सही ढंग से अनुपालन के लिए नंबर दिए जाएंगे। इसके अलाबा इस सबसे अलग कर्मचारी
की सोशल मीडिया में सक्रियता को इस समीक्षा के दायरे में लाया जाएगा। और आप सोशल
मीडिया में अगर ज्यादा सक्रिय हुए तो शायद आपको इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
इसके
अलाबा सीनियर के साथ व्यवहार, ग्राहकों
के साथ व्यवहार बैंकिंग से अलग अन्य कामो के सक्रियता
को भी इस समीक्षा के आधार बनाया जाएगा।
बढ़ेगी
चापलूसी
बैंकिग सेक्टर से जुड़े कई लोगों का मानना है, यह व्यवस्था लागू होने से वरिष्ठ अधिकारियों की चापलूसी बढ़ जायेगी। कर्मचारियों का ध्यान काम से ज्यादा अपने उच्च अधिकारियों को खुश करने में रहेगा। इससे ग्राहक सेवा के साथ साथ बैंक के बिज़नेस पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. और जॉब सिक्योरिटी में कमी होने से लोगो का अपनी संस्था के प्रति विश्वास कम होगा जिससे कर्मचारी के मन में संस्था के लिए नकारात्मक छवि पैदा होगी। जिसका असर उसके काम-काज पर भी पड़ना तय है.
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