Loan moratorium- ग्राहकों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को दिया यह आदेश।
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Loan Moratorium पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा। लेकिन उसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने बैंकों को निर्देश देते हुए अगले 2 महीने तक किसी भी अकाउंट को एनपीए (NPA) घोषित करने पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है जिन लोगों के खाते 31 अगस्त तक एनपीए (NPA) नहीं हुए हैं उन्हें मामले के निपटारे तक छूट प्रदान की जाए।
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आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की तीन सदस्यीय बेंच लोन मोरटोरियम (Moratorium) की अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज ना लिए जाने से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट में कई बैंक ग्राहकों द्वारा मोरटोरियम अवधि (Moratorium Period) के दौरान ब्याज पर ब्याज ना लिए जाने की अपील की गई है। गुरुवार को इसी मामले से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक भूषण ने मामले का निपटारा होने तक बैंकों से ऐसे खातों को एनपीए (NPA) घोषित न करने की अपील की गई है जिन खाताधारकों के खाते 31 अगस्त तक एनपीए (NPA) नहीं हुए थे।
बैंकों की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रखा पक्ष
गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सरकार की तरफ से बैंकों के पक्ष में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tusar Mehta) ने रखा। जिसमें उन्होंने मोरटोरियम अवधि (Moratorium Period) के 6 महीनों में सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) से ब्याज माफ ना करने की अपील की। तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा की बैंकिंग सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। और हम ऐसा कोई भी फैसला नहीं ले सकते जिससे बैंकिंग सेक्टर को नुकसान उठाना पड़े। तुषार मेहता ने मोरटोरियम (Moratorium) को और स्पष्ट करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कहा मोरटोरियम (Moratorium) का मतलब कर्ज भुगतान के लिए दबाव ना बनाना था। मोरटोरियम (Moratorium)का मतलब यह नहीं था कि सरकार इस अवधि के लिए ब्याज माफ करेगी।
इससे पहले ग्राहकों की तरफ से पेश वकील राजीव दत्ता ने ग्राहकों का पक्ष रखते हुए ब्याज पर ब्याज लेने को गलत करार दिया। दत्ता ने बुधवार को कहा था, ''RBI Scheme (Moratorium) लेकर आया और हमने सोचा कि हमें मोराटोरियम की अवधि के बाद EMI जमा करना होगा लेकिन बाद में हमें बताया गया कि चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Intrest) लिया जाएगा। ब्याज पर ब्याज देना हमारे लिए दोहरे झटके की तरह है।''
अगली सुनवाई 10 सितंबर को
आपको बता दे, सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ इसकी अध्यक्षता जस्टिस अशोक भूषण कर रहे हैं। ब्याज पर ब्याज ना लेने से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई अब 10 सितंबर को होनी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले के निपटारे तक बैंकों से कहा है कि वह ऐसे किसी खाते को अगले 2 महीने तक एनपीए घोषित नहीं कर सकते जो 31 अगस्त तक एनपीए नहीं हुए हैं।