Banking
Regulation Amendment Bill 2020 लोकसभा में पारित, जानें क्या क्या बदलाव होने वाले हैं?
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1-
जमाकर्ताओं (Depositors) को अधिक सुरक्षा
लोकसभा
(Loksabha) से पारित विधेयक में अब जमाकर्ताओं (Depositors) को ज्यादा सुरक्षा प्रदान की गयी है. अब अगर कोई बैंक डूब जाता है तो
खाताधारक के 5 लाख रूपये तक की राशि का बीमा होगा। अभीतक इसकी सीमा 1 लाख रूपये थी. यानि आपके खाते में चाहें कितनी भी रकम जमा हों, बैंक के डिफ़ॉल्ट होने की स्थिति में आपको अधिकतम 5
लाख रूपये मिलेंगे। गौरतलब है, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
अपनी सब्सिडियरी डिपॉजिट
इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के द्वारा
सभी बैंक खाताधारकों की जमा पूँजी का बीमा करवाता है. इस विधेयक में इसी बीमा की
पूर्व निर्धारित एक लाख की लिमिट को अब पांच लाख कर दिया गया है.
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2- सहकारी बैंक (Co-operative
Bank) अब RBI के दायरें में
बैंकिंग रेगुलेशन (संशोधन) विधेयक 2020 (Banking Regulation Amendment Bill 2020) पारित होने के बाद अब सहकारी बैंको (Co-operative Banks) पर भी RBI के सभी नियम राष्ट्रीयकृत बैंको (Nationalized Banks) के समान ही लागू होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने संसद में अपने जबाब में कहा, की यह बिल सहकारी बैंक (Co-operative Bank) को और ज्यादा प्रोफेशनल बनाएगा। और उनके काम में और ज्यादा पारदर्शिता लाएगा।
3-
सहकारी बैंक (Co-operative Bank) के अधिग्रहण
के लिए नहीं है कानून
विपक्ष
के सवालों का जबाब देते हुए, वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने संसद में दिए
अपने वयान में कहा, " की तत्कालीन विधेयक का उद्देश्य
सहकारी बैंको (Co-operative Bank) का अधिग्रहण नहीं है. संशोधन
विधेयक के जरिये आरबीआई (RBI) किसी बैंक के समामेलन (Amalgamation)
की स्कीम बिना मोरेटोरियम के तहत रखे ला सकेगा. इस संशोधन से पहले
अगर किसी बैंक को मोरेटोरियम (Moratorium) के तहत रखा जाता
था तो डिपॉजिटर्स की निकासी की सीमा (Withdrawal Limit) तय
कर दी जाती थी. साथ ही बैंक के कर्ज देने पर रोक लगा दी जाती थी.
यह
विधेयक आवश्यकता पड़ने पर RBI को इन बैंको का
प्रबंधन अपने हाथों में लेने का अधिकार देता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा, " यह ग़लतफ़हमी नहीं होनी चाहिए की
केंद्र सरकार सहकारी बैंक (Co-operative Bank) पर निगरानी
रखना चाहती है. कोविड-19 के समय में कई स्थितियां सामने आ
रही हैं. जमाकर्ताओं की सुरक्षा बेहद जरूरी थी. कई सहकारी बैंकों में जमाकर्ता
परेशानी का सामना कर रहे थे. हम नहीं चाहते थे कि पंजाब महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव
बैंक (PMC BANK) जैसी स्थिति का सामना करना पड़े.
4-
जून में आये अध्यादेश की जगह लेगा नया विधेयक
बिल पारित होने से पूर्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा, " सहकारी बैंक (Co-operative Bank) और इन बैंको के जमाकर्ता पिछले दो सालों से कई तरह की कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं. यह बिल उनके हितो की रक्षा के लिए लाया गया है. देश के तमाम सहकारी बैंक (Co-operative Bank)मुश्किल दौर से गुजर रहें हैं. और एक मोरेटोरियम सुविधा चाहते हैं. इसमें रेग्युलटर का काफी समय खराब होता है. गौरतलब है इस विधेयक को बजट सत्र के दौरान मार्च में पेश किया गया था. लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह की वजह से यह उस समय पास नहीं हो पाया था. इसके बाद जून में सरकार एक अध्यादेश लेकर आयी थी. जिसके बाद देश के 1,482 अर्बन को-ऑपरेटिव और 58 मल्टी-स्टेट कॉ-आपरेटिव बैंकों को रिजर्व बैंक के अधीन (Under Supervision) में आ गए थे.
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2 comments
Click here for commentsYani bank dubne sala ha
ReplyWhat u mean sasa?
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